Monday, 20 April 2020

औद्योगिक विकास की यात्रा

औद्योगिक विकास के अनेक चरण है। इन सभी का मानव जीवन व तकनीक पर प्रभाव पड़ता रहा है। तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थियों को इस पर विचार करना चाहिए। इसी को ध्यान में रखकर लखनऊ विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी संकाय के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा वेबीनार का आयोजन किया गया। इसमें  मैकेनिकल इंजीनियरिंग पर औद्योगिक क्रांति का प्रभाव विषय व्याख्यान हुए। इसमें  बी.टेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्टूडेंटस की ऑनलाइन सहभागिता रही। वेबीनार में एआईएस कंपनी  के प्रोडक्शन प्लानिंग एवं कंट्रोल विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष  ए.पी. श्रीवास्तव ने प्रथम, द्वितीय  एवं तृतीय औद्योगिक क्रांति के बारे में विस्तार से बताया, तथा उद्योगों पर उसके प्रभावों  का विश्लेषण किया|  प्रथम  औद्योगिक क्रांति में उत्पादन को यंत्रीकृत अर्थात मैकेनाइज्ड करने के  लिए पानी और भाप का प्रयोग किया गया।द्वितीय क्रांति में उत्पादन को बढ़ाने व के लिए  इलेक्ट्रिक क्षमता पर ध्यान दिया गया। तीसरी क्रांति में उत्पादन को स्वचालित करने के  लिए इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया। चतुर्थ औद्योगिक क्रांति में आर्टिफिशियल  इंटेलिजेंस,रोबोटिक एवं थ्री डी प्रिंटिंग की सहायता से प्रत्येक  कस्टमर की विविध आवश्यकताओं को एक ही मशीन पर आकार दिया जा रहा है| आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने मशीनों में सेल्फ डिसीजन मेकिंग कैपेबिलिटी पैदा की है। जिससे मशीनें पहले से अधिक कार्य निपुण हो गई हैं| ब्लॉकचेन तकनीकी के बारे में बताया की यह तकनीक क्रिप्टो करेंसी  के अस्तित्व को सक्षम बनाती है। क्रिप्टो करेंसी  विनियम का एक माध्यम है, जो धन के हस्तांतरण को  सत्यापित करने के  लिए इन्क्रिप्शन तकनीकी का उपयोग करती है।वेबीनार का आयोजन असिस्टेंट प्रोफेसर संदीप कुमार गुप्ता एवं असिस्टेंट प्रोफेसर प्रशांत कुमार द्वारा किया गया। यह जानकारी सेल के इंचार्ज डॉ हिमांशु पांडेय ने दी।


No comments:

उमेश प्रताप सिंह और रवि अग्रवाल ने पेश की मानवता की मिसाल

सरताज आलम शोहरतगढ़़/सिद्धार्थनगर।           हैदराबाद के दर्शनार्थियों को विदा करते हुए           समाजसेवी उमेश प्रताप सिंह व अन्य लोग। हैदरा...