Saturday, 11 April 2020

चरम पर पहुंचा गेहूं की कटाई,औने पौने बिक रहे हैं पसीने की कमाई

सिद्धार्थ नगर । रबी की फसलों में गेहूं की कटाई चरम पर पहुंच गया है।खरीफ की फसलों और फरवरी,मार्च की बारिश से मात खाये किसानों की सारी उम्मीद गेंहू के फसलों पर टिकी थी। कम पैदावार और महामारी की आपदा ने निराश कर दिया है।
सरकारी रेट में इजाफा करते हुए इस वर्ष 1935 रुपया प्रति कुंतल कर दिया गया है ।लाक डाउन के कारण बंदी होने से निजी क्षेत्र में गेहूं के कीमत में जबरदस्त गिरावट आई है ।1500 से 1550 रुपये प्रति कुंतल की दर से गांवों में खरीद हो रही है।बाहरी आय से वंचित अधिकतर कृषक वर्ग के आय का स्रोत खेतों की उपज ही है। सरकारी तौल बंद है धारा 144 लगा है । परन्तु गांवों में पिकअप पर तौल हो रही है। माल खपत के बारे में पूछने पर एक ने बतलाया कि बस्ती जाता था सारा माल अब बस्ती तो सील हो गया है इस समय बलराम पुर गोंडा और गोरखपुर जा रहा है। ज्यादातर कृषक वर्ग निम्न या लघु के श्रेणी में आते हैं। दैनिक खर्चे का दबाव महसूस करते हुए जल्द से जल्द उपज बेंच देते हैं । कुछ नपौना करने वाले बता रहे हैं कि हमारी भी कमाई नहीं हो पा रही है।उधर किसानों का कहना है कि उपज में भारी गिरावट आई है ।फ़रवरी में जब फूल ले रहे थे तभी तेज बारिश हो गई थी ।मार्च की बारिश ने भी फसल पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।इस बारे में किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष इस्तियाक अहमद का कहना है कि लाक डाउन के कारण कुछ कहा भी नहीं जा सकता है जिम्मेदारों को चाहिए कि कोई रास्ता निकालें जिससे किसान लुटने न पाए ।


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