पतिव्रत धर्म के परिपालन में राम भक्त हनुमान के साथ सीता जी ने प्रभु राम के पास जाने से मना किया, स्वेच्छा से पर पुरुष का स्पर्श वर्जित है - रामायण
लेकिन वर्तमान युग में पर पुरुष से स्वेच्छा से हाथ मिलाना, गले मिलना या साथ घूमना फिरना कितना उचित है, जैसे पतिव्रता धर्म होता है वैसे ही पत्नीव्रता धर्म भी होता है, परिपालन स्त्री और पुरुष दोनों के द्वारा होना चाहिए तो देश में बढ़ते दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।
हो सकता इससे कुछ भाई वहीनो की स्वतंत्रता वाधित होगी तो इस सोच को रूढ़िवादी की संज्ञा भी मिलेगी लेकिन कुछ इस बात को समझेंगे भी, रामायण में अनेक विषमताओं में भी अपने धर्म की रक्षा करके धर्म का पालन किया समझने की आवश्यकता है ।रामायण में दर्शायी गयी मर्यादा से मनुष्य को सामाजिक एवम धार्मिक प्राणी होने की शिक्षा ही उसे इंसान बनाती है ।
धर्म युक्त सामाजिकता के परिपालन में हो रही चूकों के परिणाम देश में अनेक अपराध बढ़ गए हैं, समाधान स्वयं मर्यादित होकर लॉक डाउन का पालन करके सामाजिक दूरी बनाए रखने से ही संभव है।
राम निवास गिरि गोस्वामी
संस्थापक संरक्षक
विश्वगुरु शंकराचार्य दशनाम गोस्वामी समाज
हिन्दी दैनिक उमेश वाणी समाचार पत्र(सिद्धार्थ नगर उत्तर प्रदेश)
Thursday, 9 April 2020
धर्म पालन के लिए सामाजिक दूरी - गिरि
उमेश प्रताप सिंह और रवि अग्रवाल ने पेश की मानवता की मिसाल
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