Friday, 24 April 2020

गर्मी का प्रभाव बढ़ा, तालाबों में पानी कम हुआ नहरें सूखी

सिद्धार्थ नगर। अप्रैल बीतने को है।गर्मी की प्रखरता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पानी की आवश्यकता बढ़ी तो पोखरे,गड्ढे और तालाबों में पानी सूखते जा रहे हैं और सरयू नहर पूरी तरह सूखा पड़ा है। इस वर्ष इंद्र देव मेहरबान हुए और फरवरी और मार्च के बारिश ने ताल, पोखरे और गांव के गड्ढों में पानी जमा हो गया । प्राकृतिक संसाधन के रूप में जिले के प्रत्येक तहसीलों में फैले तालों पर तहसील प्रशासन और मछली के ठीकेदारों की संयुक्त निगाहें लगी रहती है। पहले से नीलामी पर चढ़ चुके इन तालाबों का पानी मार्च लगते ही ठीकेदारों के कारिंदे सुखाना शुरू कर देते हैं।यही हाल गांवों के पोखरों की भी है। मनरेगा योजना से संचालित इन पोखरों के खुदाई के बाद स्थितियों में सुधार आया है।सरयू नहर प्रत्येक वर्ष जानवरो को पीने के लिए अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक मुख्य शाखा में पानी डाल दिया करता था ।इससे सहिजनवा -गोरखपुर तक नहर के किनारे रहने वाले पशुपालकों के साथ बेसहारा घूमने वाले जानवरों तथा सब्जी बोने वाले किसानों को बहुत फायदा होता है।खनन राज्य मंत्री रहते हुए डुमरियागंज के हरदिल अजीज पूर्व विधायक मलिक कमाल यूसुफ ने अपने निजी प्रयास से इसको शुरू कराया था । इस बारे में डुमरियागंज क्षेत्र के झहरांव के पूर्व प्रधान राम कुबेर चौबे ने कहा कि अब तक पानी आ जाना चाहिए।वहीं डेढ़ दर्जन गायों को चरा रहे खोरिया रघुवीर सिंह के हजारी प्रसाद यादव का कहना है कि यहां पानी सेहरी बुजुर्ग के पोखरें में मिल रहा है रोज गायों को वहीं ले जाना पड़ता है।बरगदी बनगवा निवासी बब्बू दूबे का कहना है कि नहर में पानी की आवश्यकता है ।इस बारे में सरयू नहर के जूनियर इंजीनियर अमरेंद्र पटेल का कहना है कि पशुओं के लिए पानी छोड़ा जाएगा। कब तक पूछने पर जवाब मिला कि ऊपर से जैसे ही निर्दैश मिलेगा नहर चालू करा दी जाएगी।


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