माननीय प्रधानमंत्री जी राष्ट्र के नाम संबोधन में कोरोना महामारी के चलते लाॅकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया। माननीय प्रधानमंत्री की राष्ट्र के प्रति चिंता और जिम्मेदारी का हम स्वागत करते हैं और गर्व करते हैं कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री कितने संवेदनशीन है।
माननीय प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में उल्लेख किया कि उनको चिंता है कि देश की गरीब जनता भूखी न रहे इस बात का ध्यान रखना है। हम उनकी भावना को आदेश मानकर पूरा करने के लिए तत्पर है।
साथ ही छठे बिन्दु पर व्यापारियों से अपील की कि उनको देखना है कि कोई भी आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम कर रहे लोगों के प्रति संवेदना रखें, किसी को नौकरी से न निकालें। माननीय की इस अपील के बारे में क्या कहा जाए, कुछ समझ में नहीं आ रहा है? वह हमारे देश के ऐसे प्रधानमंत्री में आते है जिनकी प्रत्येक भावना का सम्मान करना प्रत्येक नागरिक अपना कत्र्तव्य मानता है लेकिन उनके इस अपील पर प्रश्न लग रहा है। क्योंकि अपने संबोधन में माननीय प्रधानमंत्री ने देश के व्यापारियों के प्रति कुछ भी नहीं कहा। जबकि आशा थी देश के व्यापारियों के प्रति कुछ न कुछ अवश्य कहेंगे।
लेकिन यहां पर उनकी अपील पर एक प्रश्न उठ रहा है कि जब वैश्विक महामारी में भारत सरकार अपने देश के व्यापारियों को राहत देने के बारे में कोई बात नहीं कर रही है और न ही कोई प्रोत्साहन अथवा राहत देने के प्रति संवेदनशील नहीं हो पा रहा है तो यदि हम यह कहें कि जब देश की व्यापारिक गतिविधियों को बहुत बड़ा धक्का लगेगा और उनको अपने अस्तिव को बनाये रखने में मुश्किल का सामना करना पड़ेगा कि तो अपने कर्मचारियों के हित की सुरक्षा कैसे कर पाएंगे? क्योंकि शासन और प्रशासन लगातार देश के व्यापारियों पर शिंकजा कसता नजर आ रहा है।
इस संकट के दौरान सरकार चाहती तो जीएसटी को और अधिक लोकप्रिय बना सकती है लेकिन संभवतः सरकार इस अवयर को गंवा रही है।
जब शासन ने यह मान लिया है कि देश की व्यापारीवर्ग इस लाॅकउाउन में सुरक्षित और सकुशल है आगे क्या कहा जाए।
खैर हमको विश्वास था कि माननीय प्रधानमंत्री जी मध्यम वर्ग की राहत के लिए कुछ न कुछ अवश्य कहेंगे लेकिन निराशा ही हाथ लगी।
पराग सिंहल, प्रबंध संपादक
कर जानकारी (पाक्षिक), आगरा
हिन्दी दैनिक उमेश वाणी समाचार पत्र(सिद्धार्थ नगर उत्तर प्रदेश)
Thursday, 16 April 2020
कोरोना संकट: प्रधानमंत्री जी की अपील: मध्यम श्रेणी करदाता कहां जाएं!!
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