Saturday, 9 May 2020

लॉक डाउन में एचआईवी मरीजों के घर पर दवा पहुंचा रहा स्वास्थ्य विभाग

आगरा। लॉक डाउन में एचआईवी मरीजों के घर स्वास्थ्य विभाग ने पहुंचना शुरू कर दिया है। कोरोना से मरीजों को बचाने के लिए उन्हें घर के अंदर ही दवा को पहुंचाया जा रहा। इस काम में ममता संस्था भी विभाग का सहयोग कर रही है। उद्देश्य है कि दवा के लिए एचआईवी मरीज बाहर नहीं निकले और उन्हें घरों पर ही स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराया जा सके।


एसीएमओ डा.यूके त्रिपाठी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं की एचआईवी स्क्रीनिंग सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और वीएचएनडी सत्रों में भी नि:शुल्क एवं अनिवार्य है।साथ ही यह भी बताया ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट ऑफ मदर एंड चाइल्ड संस्था की प्रोजेक्ट आफिसर शिखा त्रिवेदी, सनी कनौजिया,योगेन्द्र पाठक के समन्वय से अभी तक 99 बच्चों को एचआईवी मुक्त जीवन दिया जा चुका है।


डा.त्रिपाठी ने बताया कि पीएलएचआईवी के घर जाकर दवा उपलब्ध कराई जा रही है, साथ ही सीपीटी, नवरापिन सिरप मौजूदा बच्चों को दिलवाया। उनके परिवार जनों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने और कोविड-19 के प्रति जागरूक किया।



टारगेट गु्रप


-सभी गर्भवती महिलाओं का पब्लिक और प्राइवेट हेल्थ फैसिलिटीज में एनआईसी पंजीकरण व जल्द ही एचआईवी सुनिश्चित कराने और जल्द ही एचआईवी स्क्रीनिंग कराई जाए।


-कार्यरत क्षेत्र में पाए जाने वाली संक्रमित गर्भवती महिलाओं को एआरटी सेंटर व पीपीटेट सेंटर से लिंक कराना।


-संक्रमित गर्भवती महिलाओं के पार्टनर व पति की भी एचआईवी स्क्रीनिंग सुचिश्चित कराना।


-संक्रमित गर्भवती महिलाओं में जन्म लेने वाले शिशुओं को शून्य से 18 वर्ष तक डीबीएस, नेवरापिन दवा, सीपीटी दवा, ईड टेस्टिंग, कन्फामेटोरी करवाना।



यह सेवाएं दे रहे


-सभी एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला, उसके परिवार व बच्चे व सामान्य एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को कोविड-19 के प्रति जागरूक करना।


-सभी संक्रमित गर्भवती महिलाओं व उसके संक्रमित पति व बच्चे को व सामान्य एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को समय से एआरटी दवा को उसके घर तक पहुंचाना। 


-सभी संक्रमित गर्भवती महिलों को संस्थागत प्रसव करवाना।


-प्रसव करवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग से एम्बुलेंस की व्यवस्था करवाना।


-प्रसव के बाद बच्चे के लिए नेवरपीन मेडिसिन की व्यवस्था कराना।


-बच्चे को समय-समय पर डीबीएस टेस्ट और ईआईडी टेस्ट करवाना।


-गर्भवती महिलाओं के प्रति का एचआईवी टेस्ट करवाना।


-सभी एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला, उसके परिवार व सामान्य एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को समय-समय पर एआरटी, फैमिली प्लानिंग, होम बेस्ड केयर, स्वस्थ्य खान-पान आदि के बारे में परामर्श देना। 


-एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को भारत सरकार व राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधा का लाभ दिलाना।


-सभी एचआईवी संक्रमित मरीजों को सामाजिक अधिकार के बारे में बताना और उसे बनवाना।



फैक्ट फाइल


-आगरा में 201 टोटल केस हैं। इसमें 80 एक्टिव केस हैं। 


-इनसे होने वाले करीब 99 बच्चों को एचआईवी मुक्त जीवन दिया गया।


-198 केस एआरटी लिंक करवाने में सहयोग किया गया।


-190 की स्पोयूस की टेसिंग करवाई है।


-26 प्राइवेट अस्पताल भी काम में इंगेज हैं


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