Tuesday, 26 May 2020

सीएमओ ने भीषण गर्मी में बीमारियों से बचाव के लिए जारी की एडवाइजरी

आगरा। मई और जून महीने में गर्म हवा के थपेड़े यानी लू का प्रकोप हर इंसान को परेशान करता है। घर में रहने वाले जहाँ गर्मी से बेहाल रहते हैं वहीं कामकाजी लोग झुलसा देने वाली तेज धूप के साथ लू के थपेड़ों से जूझते हैं। इस मौसम में कई तरह की बीमारियां फैलने का भी खतरा बना रहता है। इन बीमारियों से थोड़ी सावधानी बरतकर बचा जा सकता है। सीएमओ डा.आरसी पांडेय ने लू के प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है। जिले से लेकर ब्लाक स्तर तक के स्टाफ को सक्रिय रहने व विपरीत परिस्थितियों में तत्काल राहत देने के लिए प्रशिक्षित किया है। सीएमओ ने बताया कि मई व जून महीने में लू का मौसम रहता है। इस मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव व नियंत्रण के लिए जरूरी उपाय विभाग कर रहा है। --------- लू से बचने को यह करें -अधिक से अधिक पानी पीएं -पसीना सोखने वाले पतले व हल्के रंग के कपड़े पहनें -धूप में जाने से बचें। धूप में जाना हो तो चश्मे, छाते, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें। -खुले में काम करने पर सिर, चेहरा, हाथ-पैरों को गीले कपड़े से ढकें। छाते का प्रयोग करें। -यात्रा करते समय अपने साथ पर्याप्त मात्रा में पीने को स्वच्छ पानी रखें। -ओआरएस का घोल, घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी, नींबू-पानी, छाछ आदि का प्रयोग करें। ----------- घरों में यह अपनाएं टिप्स -घर को ठंडा रखें, दरवाजे व खिड़कियों पर पर्दे लगवाना उचित होता है। शाम व सुबह के समय घर के दरवाजे-खिड़कियों को खोलकर रखें, ताकि कमरे ठंडे रहे। श्रम साध्य कार्यों को ठंडे समय में करने का प्रयास करें। कार्यस्थल पर पीने के ठंडे पानी की व्यवस्था करें। कर्मचारियों को सीधी सूर्य की रोशनी से बचने के लिए सावधान करें। पंखे, नियमित स्नान करें | । गर्भवती , शिशुओं व बड़ी उम्र के लोगों की विशेष देखभाल करें। ----------- यह रखें ध्यान =बच्चों व पालतूू जानवरों को खड़ी कारों में न छोडे़। =संभव हो तो पूर्वान्ह 11 बजे से अपरान्ह 4 बजे के मध्य धूप में निकलने से बचें। =गहरे रंग के भारी व तंग कपड़े न पहनें । =जब बाहर का तापमान अधिक हो तो श्रम साध्य काम न करें। यह हैं लक्षण -हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैप होने से शरीर की मशीनरी पर प्रभाव पड़ता है। मुख्य लक्षणों में शरीर में कमजोरी आना, चक्कर आना, सिर में तेज दर्द, उबकाई का आना, पसीना आना और कभी-कभी मूर्छा यानी बेहोशी छा जाती है। मूर्छा या बीमारी का अनुभव करते हैं तो तुरन्त चिकित्सीय सलाह से उपचार लें। -------- हीट बेव के दृष्टिगत जनपद व ब्लाक स्तर पर इलाज की समुचित व्यवस्था के लिए ओआरएस व आईवी फ्ल्यूड आदि का पर्याप्त स्टॉक करा दिया गया है । मानव संसाधन को भी अलर्ट कर दिया गया है । ग्रामीण व शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुविश्चित करा दी गई है । अप्रैल, मई व जून लू के प्रकोप के महीने माने गए हैं। जनपद में इससे अभी तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है । इसकी रिपोर्ट संकलित कर हर रोज शासन को भेजी जा रही है। अधिकारियों व कर्मचारियों को जल जनित बीमारी, निज स्वच्छता व सफाई के लिए संवेदनशील कर दिया गया है । मच्छरों से बचाव के लिए फागिंग व लार्वा स्प्रे नियमित रूप से किया जा रहा है । महामारी की दशा में त्वरित कार्रवाई हेतु रैपिड रिस्पान्स टीम (आर आर टी) का गठन कर दिया गया है । डा.आर.सी पांडेय मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आगरा


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