Friday, 1 May 2020

उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद लखनऊ द्वारा आयोजित परीक्षा वर्ष 2020 के केंद्र निर्धारण का मांगा प्रस्ताव राजकीय विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव मांगने पर शिक्षकों ने किया विरोध

संतकबीरनगर। उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद लखनऊ द्वारा आयोजित की जा रही बर्ष 2020 की प्रथमा से उत्तर मध्यमा स्तर तक की परीक्षाओं हेतु पूर्व में केंद्र निर्धारण व पेपर प्रदेश के समस्त जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय को उपलब्ध करा दिया गया जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय ने कहीं-कहीं परीक्षा केंद्रों को पेपर व उत्तर पुस्तिका उपलब्ध करा दी है। तथा छात्रों को विद्यालयों द्वारा प्रवेश पत्र वितरित कर दिया गया है ऐसे में प्रधानाचार्य बृजेश कुमार पाण्डेय श्री वीरा बाबा राम दुलारे शुक्ल नेताजी सुभाष चंद्र बोस संस्कृत माध्यमिक विद्यालय मेहदूपार,ओम प्रकाश पाठक अध्यक्ष संस्कृत शिक्षक संघ सिद्धार्थनगर तथा अन्य शिक्षक गण द्वारा बताया गया कि संस्कृत विद्यालयों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है जिसे रोके जाने की आवश्यकता है विदित हो कि शिक्षा निदेशक माध्यमिक एवं अध्यक्ष उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद 18 पार्क रोड लखनऊ के द्वारा प्रेषित मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक उत्तर प्रदेश जिला विद्यालय निरीक्षक उत्तर प्रदेश को प्रेषित अपने पत्रांक/ संस्कृत परिषद/ परीक्षा 20/106 -219/ 2020 -21 दिनांक 28 अप्रैल 2020 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद लखनऊ द्वारा आयोजित किए जा रहे वर्ष 2020 की प्रथमा से उत्तर मध्यमा स्तर तक की परीक्षाओं हेतु संशोधित परीक्षा केंद्र प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिसमें संस्कृत विद्यालयों को परीक्षा केंद्र ना बनाकर राजकीय विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव मांगा गया है यदि ऐसा हुआ तो संस्कृत विद्यालय के छात्र-छात्राओं को परीक्षा केंद्र तक जाने में बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़सकता है। संभवत ऐसी स्थिति में वह परीक्षाएं छोड़ भी सकते हैं। जिससे विद्यालय का परीक्षा फल प्रभावित होगा संस्कृत शिक्षक कल्याण समिति उत्तर प्रदेश के महामंत्री डॉ ज्ञान प्रकाश मिश्र 30-04 -2020 को प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को पत्र लिखकर उक्त स्थिति से अवगत करा दिया गया है। आवश्यकता इस बात की है कि शासन की मंशा तुगलकी फरमान संस्कृत विद्यालयों का अस्तित्व को समाप्त करने के लिए सरकार की तरफ से सोची-समझी एक रणनीति के तहत एक तरफ संस्कृत विद्यालयों के सिलेबस को चेंज करके माध्यमिक के समतुल्य पाठ्यक्रम किया गया परंतु अभी तक एक भी संस्कृत विद्यालय में फिजिक्स,कमेस्ट्री,बायो,मैथ, वाणिज्य,आदि के अध्यापकों की नियुक्ति अभी तक नहीं हुई और सत्र बीत गया उक्त विषयों की कैसे हो पढा़ई और आज परीक्षा केंद्रों के विषय में डायरेक्टर महोदय की तरफ से आए हुए आदेश निर्देश में स्पष्ट होता है कि संस्कृत विद्यालय का अस्तित्व ही नहीं है संस्कृत विद्यालय के पास संसाधन उपलब्ध हैं संस्कृत विद्यालय बेहतर स्थिति में है ऐसा निर्णय परीक्षाओं के लिए बहुत बड़ा चुनौती का विषय बन कर सामने आ रहा है। इसका पुरजोर विरोध होना चाहिए इससे सरकार को समझ में आजाना चाहिए कि संस्कृत विद्यालय अपनी अस्मिता को बचाने के लिए किसी भी हद तक लड़ने के लिए तैयार हैं वही प्रधानाचार्य बृजेश कुमार पाण्डेय ने ट्विटर के माध्यम से उपमुख्यमंत्री माध्यमिक शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा डॉक्टर सतीश चंद्र द्विवेदी माननीय योगी आदित्यनाथ जी व यूपी गवर्नमेंट को ट्वीट कर उक्त आदेश को वापस लेने की मांग की है पूर्व द्वारा प्रेषित प्रस्ताव के अनुसार ही परीक्षा केंद्र का निर्धारण सचिव महोदय द्वारा किया गया था जिस के क्रम में समस्त तैयारियां पूरी हो गई थी और परीक्षा 19 मार्च से प्रस्तावित था परंतु कोरोना वैश्विक महामारी के कारण साशन और विभागीय निर्देश के अनुसार परीक्षा को स्थगित करना पड़ा जहां एक तरफ संपूर्ण केंद्र व्यवस्थापक अपने-अपने परीक्षा केंद्र पर परीक्षा से संबंधित तैयारी को पूर्ण कर चुके हैं वहीं दूसरी तरफ सरकार के इस रवैया से नाखुश हैं सरकार को चाहिए कि पूर्व केंद्र निर्धारण के अनुसार ही परीक्षा संपन्न कराई जाए यदि ऐसा नहीं हुआ तो विद्यालय का परीक्षा फल प्रभावित होगा क्योंकि बहुत से छात्र छात्राएं परीक्षा छोड़ सकते हैं। इसका कारण परीक्षा केंद्र की दूरी होगा इसलिए हम सब संबंधित अधिकारी कर्मचारी गण से यह आशा करते हैं कि उक्त पत्र को वापस करते हुए पूर्व में निर्धारित परीक्षा केंद्र पर ही परीक्षा संपन्न कराई जाने की अनुमति प्रदान करने की सहमति प्रदान कर सबको आस्वस्थ कर दें कि संस्कृत विद्यालयों का भविष्य सुरक्षित है पाण्डेय ने कहा कि प्रदेश में संचालित समस्त शिक्षा बोर्ड के विद्यालयों के दो कर्मियों का पास निर्गत किया जाना है जिस के क्रम में प्रदेश के माननीय उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा द्वारा नोबेल कोरोना वायरस के व्यापक संक्रमण के फैलाव एवं बचाव के दृष्टिगत लागू लाक डाउन की अवधि में वित्तविहीन विद्यालयों के प्रबंधकों द्वारा शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को समय से वेतन का भुगतान सुनिश्चित किए जाने तथा प्रदेश में संचालित समस्त बोर्ड के माध्यमिक विद्यालयों द्वारा मासिक आधार पर शुल्क लिए जाने के निर्देश दिए गए हैं माननीय मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा आदेश निर्गत किए जा चुके हैं। माननीय मंत्री जी के संज्ञान में लाया गया है कि कोई भी कर्मचारी विद्यालय नहीं जा पा रहा है विद्यालय के शिक्षकों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है अतः विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को वेतन पारिश्रमिक का भुगतान किए जाने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है इसके अतिरिक्त जो अभिभावक मासिक शुल्क जमा करना चाहते हैं। वह शुल्क भी जमा नहीं कर पा रहे हैं विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के वेतन का भुगतान सुनिश्चित किए जाने तथा अभिभावकों द्वारा शुल्क जमा किए जाने के उद्देश्य से लाक डाउनकी अवधि में प्रदेश में संचालित समस्त शिक्षा बोर्ड के विद्यालयों के प्रबन्धक/प्रधानाचार्य द्वारा नामित दो कर्मियों के पास निर्गत किये जाने का आदेश  माननीय उप मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए हैं इन आदेशों के अनुपालन में प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है ताकि सूचित किये हैं कि उक्त सम्बन्ध में कार्रवाई की जा सके जयतु संस्कृतम्, जयतु भारतम् , संघे शक्ति कलियुगे।


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