Monday, 1 June 2020

मंगल संस्कृत महाविद्यालय गौरी बांसी सिद्धार्थ नगर के अध्यापक भुखमरी के कगार पर

संस्कृत महाविद्यालय गौरी वासी सिद्धार्थनगर के अध्यापक गणों ने बताया कि हम सब की नियुक्ति लगभग 15 से 20 वर्ष पुरानी है परंतु शासन द्वारा वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है जिसकी मांग समय-समय पर हम सब शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से कर चुके हैं परंतु उनके द्वारा हमारी मांग पर कोई विचार नहीं किया गया विवश होकर सन 2015 में हरीश कुमार द्विवेदी अश्वनी कुमार मिश्र रामदेव पाठक लोकेश श्रीवास्तव जिसकी रिट संख्या क्रमशः 30 646, 30 645, 30 648, 32 651/2015 के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में वेतन मांग हेतु रिट दाखिल किया गया परंतु आज तक कोई निर्णय ना आने के कारण और अधिकारियों की उदासीनता के कारण समस्त स्टाफ समेत इनके बच्चे भुखमरी के कगार पर हैं इनके बच्चों की शिक्षा दीक्षा भी प्रभावित हो रही है उक्त आशय की जानकारी विज्ञप्ति के माध्यम से हरीश कुमार द्विवेदी ने दी और कहा कि शिक्षा विभाग के आला अधिकारी समेत शासन प्रशासन व माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद स्वता उक्त प्रकरण का संज्ञान लेकर वेतन भुगतान हेतु आदेश निर्गत करण का अनुरोध किया गया है जिससे इनके बच्चे भुखमरी से बच सकें और अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें समाज आज इन्हें हीन भावना से देखता है और कहीं-कहीं अपवाद स्वरूप कुछ लोग यह भी कहते हैं कि अरे यह मास्टर कहां हैं अगर मास्टर होते तो वेतन नहीं मिलता यह सब सुनकर अनसुना कर देना पड़ रहा है हम मीडिया कर्मी इनके दुःख और दर्द को समझ कर यह कहना चाहता हूं कि जिस देश व राज्य में शिक्षक सुखी नही रह सकता उस राष्ट्र के निर्माण व प्रगति सोचना मात्र कल्पना ही है और कुछ नही ।


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