Thursday, 9 July 2020

मंदिर मस्जिद बैर कराती,मेल कराती मधुशाला

सिद्धार्थ नगर। लोक प्रसिद्ध कवि हरिवंशराय बच्चन की बरसों पुरानी लिखी हुई पंक्तियां वर्तमान में चरितार्थ हो रही हैं। मस्जिदों में खुतबा, पवित्र मास सावन का कांवड़ प्रतिबंधों के कठोर नियमों के दायरे में हैं परन्तु साप्ताहिक बाजार प्रतिबंधों से परे है। बारिश के मौसम में लगने जिले में लगने वाले सैकड़ों बाजारों में उमड़ रही भीड़ साहबों के नियम से परे है। यहां न तो कोविड -19 का खतरा है और न ही संक्रमण का खतरा । अन लाक डाउन 02 में बाजार पूर्ववत हो चुका है। छूट सरकार ने दी है कोरोना वायरस ने नहीं दिया है इस बात को सुनने के लिए किसी के पास समय नहीं है। कंधे पर कांवड़ लादे बोल बम के नारे लगाते अनन्त दूरी तक चलने का जज्बा उठाए नौजवानों से समाज को संक्रमित होने का खतरा कुछ अधिक ही था ।इसी तरह जुम्मे को अल्लाह की दरबार में हाजिरी देकर खुत्बा सुनने वालों से भी सरकार को समाज के संक्रमित होने का भय कुछ और ही था ।मैखाने के आगे धक्का मुक्की करते शराबियों की टीम से स्वत: समाज का सेनेटाइजर हो जा रहा है। भेड़ों को हांकने वाले खुद झुंउ में शामिल होकर भेंड बन जा रहे हैं। मास्क का उपयोग यदा कदा दिखलाई पड़ रहा है । दुकानों के आगे लगे हुए बैरिकेडिंग उखड़ चुके हैं।इस क्षैत्र में निगरानी को लगे जिम्मेदार शिथिल हो चुके हैं।सब भगवान भरोसे है जिस पर भी वर्तमान में प्रतिबंध लग चुका है।


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