Saturday, 31 October 2020

ठंडी की शुरुआत होते ही कटेरों की बढी आमद-रफ्त,आम के पेंड है निशाने पर

 बांसी ।सर्दी का मौसम शुरू होते ही लकडी के ठीकेदार और कटेरों के कामों मे बढोत्तरी हो जाती है।इस दौरान अपने पहुंच का इस्तेमाल करके ठीकेदार मनमाने तरीके से प्रतिबंधित पेंडो को काटते रहते हैं । जिले मे कटान के लिए कई पेंड प्रतिबंध के दायरे से बाहर हैं बावजूद कटान माफियाओं का आरा हरे पेंडो के ऊपर चलना जारी है।हफ्ता दिन पहले गोनहा ताल मे आन रोड चौराहे के पास कटेरों ने आम के बगीचे को उडा दिया ।आज शनिवार को बांसी कोतवाली अन्तर्गत पैंडी बुजुर्ग मे हरे आम के पेंड को काटने के बाद टुकडों मे तब्दील कर रहे थे।इसी तरह लगभग रोज रेंज के किसी न किसी गांव मे कटेरे पहुंच कर अपना काम कर दे रहे हैं।इन की दबंगई का हाल है कि सूखे या काफी पुराने बांझ पेंडो का परमिट बनाते हैं फिर उसी परमिट का फायदा उठा कर लाइन लेकर कई फलदार वृक्षों को काट डालते हैं।लाइन भी 02 से लेकर 04 स्थानो पर होता है।कई प्रकार के वृक्षों को काटने की अनुमति के बावजूद भी प्रतिबंधित पेंड काटना पुलिस और वन विभाग को संदेह के दायरे मे ले आता है। जिले से डीएफओ द्वारा वर्तमान मे तुरंत कार्यवाही हो रही बावजूद माफियाओं का हौसला बुलंद है।पैंडी बुजुर्ग मे पेंड कटने की सूचना पर जिला वन विभाग अधिकारी ने कहा कि सूचना पर कार्यवाही के लिए तुरंत भेंज दिया हूं।प्रतिबंधित वृक्षों को काटने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।


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