Friday, 13 November 2020

खेंतो को पलेवा की आवश्यकता,नहर पडी है सूखी

डुमरियागंज। धान की फसल लगभग कट चुकी है। उत्तरा नक्षत्र यानी सितम्बर के दूसरे सप्ताह से बारिश नहीं हुई है।नतीजतन खेंतो को पलेवा करके ही बोया जा सकता है। पानी की स्थिति है कि निजी बोरिंग, या किराये पर पानी चलाना पडेगा।सरकारी सहूलियत का हाल है कि क्षेत्र मे अधिकतर ट्युबेल खराब होकर आपरेटर को सिर्फ मोटी तनख्वाह उगल रहा है।नहरों का हाल है कि सूखी पडी है। खरीफ कालीन फसलों के लिए कीमती जमीनों को खोदकर नहरों के रूप मे तब्दील करने वाले जिम्मेदारों ने कभी नहर की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया है। दिसम्बर मे नहर चलाने का रोस्टर है।जब तक नहर चलती है उसके किनारे के काश्तकार अपना बुवाई और सिचांई कर चुके होते हैं। बिथरिया गांव के राप्ती नदी तट पर लगे पंप से चलने वाले सरयू नहर से क्षेत्र के काफी लम्बे क्षेत्र मे खेती की जाती है।इस बीच नहर के किनारे खोरिया, झहरांव,पिपरा तेलियाडीह,तुरकौलिया, मेंही,औराताल सोनहटी,हल्लौर सहित कई गांव के किसान पानी के लिए परेशान नजर आए।इस बारे मे एक्सीएन नहर ने बताया कि अभी नहरों मे सफाई का कार्य चल रहा है। रोस्टर के अनुसार दिसम्बर के पहले सप्ताह में नहर चलेगी।


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