राकेश दूबे सहसम्पादक
सिद्धार्थनगर।बुधवार17 मार्च को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की नई गाइडलाइंस जारी हो गई है।
अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के कार्यालय से जारी आदेश मे प्रत्येक जिला के जिलाधिकारियों को निर्गत किया गया है कि चुनाव संबधी जारी किए गए पूर्व के आदेशों को उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया है।स्थानों तथा आरक्षण व पदों के आवंटन हेतु कतिपय निर्देश दिये गए हैं।उक्त क्रम के निर्देश मे जारी शाशनादेश 11फरवरी2021 को निरस्त करते हुए यह निर्देश निर्गत कराया जा रहा है।संविधान के अनुच्छेद 243 घ तथा तत्क्रम मे उत्तर प्रदेश पंचायती राज्य अधिनियम1947 की धारा 11क और 12(5)और उत्तर प्रदेश क्षेत्र एवं जिला पंचायत 1961 की धारा 6क7क18क 19क मे प्रविधानित व्यवस्था के अनुसार प्रदेश मे त्रिस्तरीय पंचायतों के स्थानों,पदों के आरक्षण और आवंटन हेतू 02 नियमावलियां उत्तर प्रदेश पंचायत राज्य(स्थान व पदों का आरक्षण एवं आवंटन)नियमावली1994(यथासंसोधित)व उत्तर प्रदेश क्षेत्र एवं जिलापंचायत(स्थान व पदों का आरक्षण एवं आवंटन)नियमावली1994(यथासंसोधित)प्रख्यापित है।उक्त दोनों नियमावली के अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायत मे पदों एवं स्थानों के लिए आरक्षण एवं आवंटन की प्रक्रिया निर्धारित है।प्रतिबंध यह है कि अनुसूचित जातियों, जनजातियों और पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित प्रधानों के पदों की संख्या का अनुपात प्रधानो की कुल संख्या से यथासाक्य वहीं होगा जो राज्य की अनुसूचित जातियों, जनजातियों या राज्य सरकार के पिछड़े वर्गों का अनुपात राज्य के कुल जनसंख्या से है।अग्रेत्तर प्रतिबंध यह है कि पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण प्रधान पदों की कुल संख्या 27 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।
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