राकेश दूबे सहसम्पादक
वनो से जीव सृष्टि का क्रमबद्ध विकास संचालित होता है
सिद्धार्थनगर। वन राष्ट्र की अमूल्य धरोहर है।वनों का हमारे जीवन से अटूट रिश्ता रहा है। इसके सुरक्षा एवं विकास पर हमें ध्यान देना चाहिए। वनों की सुरक्षा वन्य जीव जंतुओं से भी होती है।जिस कारण वन्य प्राणियों के प्रति भी हमें कृतज्ञ होना चाहिए। महात्मा गौतम बुद्ध को बोध गया में पीपल वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त
हुआ था।वृक्ष आदिकाल से ही पूज्यनीय एवं वंदनीय रहे हैं।हमें वनों के संरक्षण एवं विकास हेतु सतत रूप से जागरुक रहना चाहिए। गर्मी के मौसम में वनों को अग्नि से बचाने का भी हमें प्रयास करना चाहिए। उक्त विचार सामाजिक वानिकी वन प्रभाग सिद्धार्थनगर के तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस अवसर पर अपने संदेश में आकाश दीप वधावन प्रभागीय वनाधिकारी सिद्धार्थनगर ने कहा। उक्त कार्यक्रम को जनपद मुख्यालय के बुद्ध वन पार्क में आयोजित किया गया।जिसकी अध्यक्षता करते हुए डी के श्रीवास्तव प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा कि वन का महत्व हमारे जीवन से जुड़ा है।विना वृक्षों के जीवन की कल्पना संभव नहीं है। वन प्रकृति के फेफड़े माने गए हैं। जो कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण कर शुद्ध आक्सीजन हमें प्रदान करता है। वनों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु हमें कृत-संकल्पित होना चाहिए। कार्यक्रम को विज्ञान शिक्षक डॉ अशोक कुमार पाल,वन दरोगा निखिल श्रीवास्तव,विनय वर्मा,रमेश कुमार,मो अख्तर, रूद्र नारायण तथा स्काउट गाइड के स्वयंसेवक अनिकेत पाण्डेय, दिलशाद, अखिलेश,सना परवीन व शिक्षिका कंचन मिश्रा समेत तमाम लोगों ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में वन संरक्षण रैली,संकल्प व वृक्षारोपण भी आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन व अतिथियों का स्वागत सिद्धार्थ शंकर व धन्य वाद ज्ञापन क्षेत्रीय वन अधिकारी नौगढ़ जी राम ने किया।उक्त अवसर पर वन दरोगा निखिल श्रीवास्तव, कृपाशंकर वन रक्षक हरिश्चंद्र उपाध्याय, अवनीश कुमार मिश्र,दिलीप, बसंत राम,समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।
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