राकेश दूबे सहसम्पादक
सिद्धार्थनगर। आरक्षण के मार से बेहाल इच्छाधारी प्रधानो के तमन्नाओं कीआखिरी समय सीमा सोमवार को समाप्त हो गई है।बडे बडे धुरंधर आरक्षण की मार से धराशाई हो गए।मरहम के नाम पर जो आपत्तियों का काढा पिलाया गया उसकी भी समय सीमा निकल गई।हलांकि चोटी पर जमे हुए जिम्मेदार पहले ही नियमों के तहत परिवर्तन न करने की बात कह चुके हैं। आरक्षण के वजह से दौड मे शामिल संभावित प्रत्याशी और ग्रामीण क्षेत्र के नेता चुनाव की दौड़ से बाहर होने के बाद सीट बदलवाने के लिए जुगत में लग गए हैं। संभावित प्रत्याशी और उनके नेता प्रदेश मुख्यालय तक दौड़ लगा रहे हैं।10 मार्च से डीएम की अध्यक्षता वाली समिति के स्तर पर आपत्तियों का निष्तारण होगा।निस्तारण के बाद 13 या 14 मार्च को आरक्षण का फाइनल फाइनल तय होगा।आरक्षण से लेकर सीट में परिवर्तन कराने तक का प्रयास किया जा रहा है।कई प्रधानों ने अपना डेमो प्रत्याशी खोज लिया है। जिले से अभी तक आपत्तियों का कोई व्यौरा नहीं मिल पाया है।इस बारे मे जिला पंचायत राज अधिकारी आदर्श से पूछने पर कि जिले मे कितनी आपत्ति प्राप्त हुई है उनका कहना है कि अभी तक गिनती नहीं हो पाई है कल दोपहर से पहले जानकारी मिल सकती है।सूत्रों के मुताबिक आरक्षण को लेकर लोगों मे काफी आपत्ति है।पिछडे और एससी सीट के लिए काफी लोगो ने आपत्ति दिखलाई है।
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