राकेश दूबे सहसम्पादक
सिद्धार्थनगर। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिले के प्रत्येक स्थानों पर लोगों ने योगासन करके योग दिवस को मनाते हुए समाज को रोग मुक्ति होने की कामना की है।
प्रातः 05 बजे से ही समाज के विभिन्न क्षेत्रों मे काम कर रहे लोगों ने तयशुदा स्थानों पर प्रयाप्त दूरी रखते हुए एकत्रित होकर योग के विभिन्न आसनों को करते हुए योग दिवस मनाया।डुमरियागंज के बीडियो सुशील कुमार अग्रहरि के अलावा क्षेत्र मे काफी स्थानों पर खोरिया रघुवीर सिंह शाखा,मिरवापुर शाखा,गौरी पाठक शाखा,भारत भारी मंदिर पर,बहेरिया गांव मे डुमरियागंज, बेंवा आदि स्थानों पर योग का आयोजन किया गया है।इसके अलावा बांसी के रमवापुर दूबे,मिठवल,पथरा बाजार, सेहरी बुजुर्ग,पिढिया,खेसरहा,सकारपार इटवा मे इनरी ग्रांट,रमवापुर कली,बनगवा आदि जगहो पर योग दिवस मनाकर लोगों को स्वास्थ्य रहने के लिए प्रेरित किया गया।यम,नियम आसन, प्रत्याहार,प्रणायाम, धारणा,ध्यान समाधि इन अष्टांग विधियों को योग के अंतर्गत माना जाता है।योग की परम्परा अनादि काल से रही है।श्रीमद्भगवद्गीता के तीसरे अध्याय मे भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि स: कालनेहि मेहता योगो नष्ट परंतप:,..भक्तोsसि मे सखा,चेति रहस्य हेत्तुदम,बहुत कालों से यह परम्परा नष्ट हो गई थी,तू मेरा भक्त और सखा है इसलिए तुझे मै इस रहस्य को बता रहा हूं।इसी अनादि परम्परा को अक्षुण्य रखने के लिए आज योग दिवस मनाया गया है।इस बारे मे समाज सेवी व दैनिक जगरण के बांसी तहसील प्रभारी ऋतेश बाजपेयी ने कहा कि सूर्य नमस्कार मे स्वास्थ्य की सभी विधा छिपा होता है।स्वामी विवेकानंद शिक्षा सेवा समिति के प्रबंधक राजकुमार अग्रहरि ने कहा कि अप्राप्ति के प्राप्त का नाम योग है।डा.अवनीश वर्मा सलाहकार व फिजियोथेरपिस्ट ने कहा कि योग पूर्वजों के द्वारा दिया गया उपहार है।बाबा पीढेश्वर नाथ ट्रस्ट के संचालक अशोक त्रिपाठी ने कहा सिद्ध सिद्धयो समो भूत्वा समत्वं योग उच्चते,जन नायक के रुप मे प्रसिद्ध पाये युवा कर्मठी नेता अशोक त्रिपाठी ने कहा कि योग स्वस्थ रखने का बेजोड़ माध्यम है हमे अपने अर्वाचीन परम्परा पर गर्व है।कम्हरिया यूथ कमेटी के प्रबंधक शाह मिस्बाह खालिद ने कहा कि लाइलाज बीमारियों का नि:शुल्क चिकित्सा है योग ।प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप बधावन ने कहा कि कोरोना काल मे इम्यूनिटी को संतुलित करने के लिए योग की बहुत आवश्यकता है।हमारे परम्पराओं मे बहुत समय पहले से स्वस्थ्य रहने का टर्निंग प्वाइंट ढूंढ लिया गया था।आज इस बात की आवश्यकता को महसूस किया जा रहा है।पूरी दुनिया मे भारतीय योग का डंका बज रहा है।पश्चिम देश बहुत तेजी से हमारे सिस्टम को अपनाते जा रहे हैं।योग दिवस की सभी को हार्दिक बधाई।
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