सोहराब अली
बांसी। तहसील क्षेत्र के मिठवल ब्लाक मे तैनात सिक्रेटरी 12 वर्षौं से ब्लाक के बेताज बादशाह बने हैं।सरकारी नियमों के अंतर्गत 05 वर्ष के अधिकतम तैनाती का पूरी तरह पालन भी करते हैं।इस दौरान कुछ दिनों के लिए नजदीक के ब्लाक के तैनाती कराके पुन: मिठवल के चुनिंदा गांवो को परम् वैभव तक पहुचाने के लिए वापस चले आते हैं।वर्तमान मे ब्लाक के कई अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के साथ ऊपर के अधिकारियों ने 10 गांवो के विकास की जिम्मेदारी सौंपा है।इनमे छितौनी,डडवा राजा,करमहिया,बूढापार ,कटसरा,कटबंध,गोहर और मनिकौरा नानकार है।गांवो मे किए गए कार्यों मे अनियमितता, शौचालयों की स्थिति आदि का विषय अलग है फिलहाल सौपी गई अन्य जिम्मेदारियों मे कारनामा देखने योग्य है।सूत्रों के अनुसार आज तक इन्होंने न ही किसी आरटीआई पर संतोषजनक जबाब दिया है और न ही समय से कार्यालय में आए हैं।कोरोना काल बेरोजगार,चार -चार किलो की दर से महीने पर 02 किस्तों में अनाज उठाने वाले लोगों के लिए जीना मरना.है तो वही अजगर की तरह मुंह बाए कुछ लोगों के लिए चांदी सोना बना है।सरकार और शासन की घोषणा कि ग्राम सभा मे करवाये गए कार्यों की जांच केवल अखबारों की हेडिंग तक सीमित रहा।लोकसेवको के आय व्यय का ब्यौरा इतिहास की बात बन गई है।सचिव से नायक ,नायक से योद्धा बनाए गए सिक्रेटरियों के लिए सब जायज है क्योंकि वीर भोग्या वसुंधरा।
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