नहर में पानी नहीं आने से किसानों के धान की नर्सरी सूख रही
सरताज आलम
शोहरतगढ़़/सिद्धार्थनगर
जनपद सिद्धार्थनगर के सीमावर्ती क्षेत्र में खेतों की सिंचाई के लिए प्रथम पंचवर्षीय योजना के तहत जनवरी 1956 में बनी बानगंगा नहर प्रणाली से कुल 22 नहरें निकाली गयी। जिनकी कुल लम्बाई 147 किलोमीटर है। इसी बैराज से निकली चेतरा माइनर करहिया गांव के टोला फकीर डीह के पास होते हुए महसई सागर में मिलती है। जिससे भादमुस्तहकम, परसौना, बगुलहवा, डोहरिया खुर्द, अठकोनियां, बगहवा, गुजरौलिया, करहिया, चेतरा गांवों के किसानों की लगभग 750 हेक्टेयर खेतों के सिंचाई होती रही थी। लेकिन वर्ष 2020-21 में सीमावर्ती क्षेत्र में सरयू नहर परियोजना की कैम्पियरगंज शाखा का निर्माण हुआ। सरयू नहर चेतरा माइनर को दो जगहों पर क्रास कर रही है। पहला दो किलोमीटर व दूसरा चार किलोमीटर पर साईफन लगना था। इतना ही नहीं वर्षों से सिल्ट, गाद व झाड़ी से पटी पड़ी चेतरा माइनर की सफाई भी नहीं हुई है। जगह-जगह बरसात का हल्का पानी माइनर में स्थित है। उसके भी निकलने का कोई रास्ता नही है। किसान दशरथ चौधरी, राम प्रताप चौधरी, बाल गोविंद पटेल, आदि ने बताया कि विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते गुजरौलिया, करहिया गांव के किसानों ने चन्दा जुटाकर किलोमीटर चार के पास एक साईफन लगाकर चेतरा माइनर की लगभग दो किलोमीटर खुदाई करायी। तब जाकर कुछ पानी चेतरा माइनर में फकीर डीह तक जाने लगा था। लेकिन बानगंगा नदी से निकली चेतरा माइनर के मुहानें पर नहर सिल्ट से पटी पड़ी है। वहीं आज भी जमगढ़वा नाला के किलोमीटर दो के पास आज तक साइफन नहीं लगा। जिससे भादमुस्तहकम, परसौना, बगुलहवा, डोहरिया खुर्द गाँव के किसानों के धान की नर्सरी प्रभावित हो रही है। इस सम्बन्ध अठकोनियां निवासी सन्तराम, बृजलाल पाल, सुरेश, सुग्रीम, प्रधान प्रतिनिधि बहरैची बाबा आदि लोगों का कहना है कि जमगढ़वा नाला के पूरब सरयू नहर सटे चेतरा माइनर से जा रही है परन्तु साईफन नहीं लगाया गया। जबकि किसानों ने साईफन लगाने की गुहार सरयू नहर परियोजना के अधिकारियों से की थी। इस सम्बन्ध में क्षेत्र के श्यामलाल यादव, डा0 पवन कुमार मिश्रा, दिनेश कुमार मिश्रा, रामानंद गिरी, दिनेश कुमार गुप्ता, रविन्द्र कुमार गुप्ता, पटवारी यादव आदि लोगों ने शासन प्रशासन से चेतरा माइनर में सरयू नहर से साईफन लगवाकर पानी छोड़वाने की मांग की है। इस सम्बन्ध में सुरेन्द्र प्रसाद, अधिशासी अभियंता राप्ती नहर खंड प्रथम तुलसीपुर ने बताया कि ग्रामीणों ने नहर के किलोमीटर चार पर साईफन लगाया है, जिसकी जानकारी है। किलोमीटर दो पर साइफन लगाने का स्टीमेट स्वीकृति के लिये उच्च अधिकारियों को भेज दिया गया है, स्वीकृत होने पर सरयू नहर से चेतरा माइनर को साईफन से जोड़ दिया जायेगा।
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