क्षेत्र के 20 से अधिक गांवों के लोगों को इलाज के लिए जाना पड़ रहा निजी अस्पताल
इसरार ख़ान
शोहरतगढ़़/सिद्धार्थनगर
विकास क्षेत्र शोहरतगढ़़ के न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मधवापुर में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। यहां पर मरीजों को सुविधायें नहीं मिल पा रहीं हैं। इसलिये उन्हें निजी अस्पताल पर इलाज के लिये जाना पड़ता है। जहां रुपये खर्च होने के साथ ही समय की बर्बादी होती है। लेकिन जिम्मेदार इससे बेखबर हैं। नेपाल सीमा से सटे मधवापुर गांव में न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बन रहा है, जिससे लोगों को सुविधायें मिल सकें। लेकिन अस्पताल में अव्यवस्था हावी है। इस वजह से खुनुवां, अठकोनिया, बगहवा, गुजरीलिया, करहिया, चेतरा, सिसई, सेहरिया, मधवापुर आदि गांवों की महिलाओं को चिकित्सकीय परामर्श व प्रसव सम्बन्धी मामले में इलाज के लिये दस किलोमीटर दूर शोहरतगढ़ कस्बे में जाना पड़ रहा है। इस दौरान केन्द्र पर न तो जांच की सुविधा है और न ही एक्स-रे मशीन व अल्ट्रासाउण्ड मशीन ही है। इतना ही नहीं, इस केन्द्र पर नियमित एमबीबीएस डाक्टर व लैब टेक्नीशियन भी नहीं तैनात हैं। भवन जर्जर हो जाने की वजह से रात्रि में कर्मचारी नहीं रहते हैं। स्वास्थ्य केन्द्र पर आने वाले मरीजों के लिये समुचित पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है।इन्चार्ज फार्मासिस्ट ओ0पी0 यादव ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम आरवीएसके से महिला डा0अर्चना, डा0 राम विलास व एएनएम हेमलता तिवारी की तैनाती हाल में ही विभाग ने की है। दवायें तो हैं, लेकिन ऐन्टीवेनम जैसी मुख्य दवाओं की उपलब्धता नहीं है। आरोग्य मेला में लगभग 20 से 25 हल्के रोगों के मरीज आ रहे हैं। जिनकी जांच कर निःशुल्क दवा दी जाती है। महिलाओं के प्रसव व गम्भीर रोगों के मरीजों को शोहरतगढ़ स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर इलाज कराने की सलाह दी जाती है। क्षेत्र के डा0 पवन कुमार मिश्रा, प्रवीण कुमार तिवारी, श्याम लाल यादव, रामानन्द गिरी, प्रधान प्रतिनिधि गंगाधर मिश्रा, बहरैची बाबा, पूर्व प्रधान धीरेन्द्र चौधरी, प्रधान सुबाष यादव, प्रधान करम हुसैन आदि ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आयोजित आरोग्य मेले में बुनियादी सुविधाओं के अभाव के सम्बन्ध में शासन-प्रशासन से शिकायत करते हुये सुविधाओं की मांग की है।इस सम्बन्ध में सीएमओ डा0 बी0के0 अग्रवाल ने कहा कि अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं को लेकर जांच कराकर जल्द कारवाई की जायेगी।
No comments:
Post a Comment