Tuesday, 4 July 2023

दो नेपाली युवतियों को मानव तस्करी से बचाया

 सरताज आलम

शोहरतगढ़़/सिद्धार्थनगर

सीमा पर सक्रिय मानव सेवा संस्थान (सेवा) तथा एसएसबी बीओपी बढनी द्वारा पड़ोसी नेपाल के बीरपुर, कपिलवस्तु-1 की 15 एवं 17 वर्ष की दो युवतियों को शोषण तथा मानव तस्करी का शिकार होने से बचाया गया। दोनों घर से भाग कर रात्रि में दिल्ली जाने की फिराक में थीं। पूछताछ के बाद एसएसबी ने उक्त दोनों को एएचटीयू सिद्धार्थनगर को सौंप दिया। मानव सेवा संस्थान बढ़नी की इंचार्ज गोमा बीसी के मुताबिक काउंसलर्स द्वारा रात्रि करीब साढ़े 9 बजे सीमा पार से आयी दो नेपाली किशोरियों की संदिग्ध स्थिति को देखकर उन्हें रोका गया। पूछताछ में स्पष्ट हुआ कि वो दोनों घर से भागकर आयी हैं और घर में बिना किसी को बताए दिल्ली जा रही हैं। स्थिति की गंभीरता को देख उन्हें एसएसबी पोस्ट पर लाया गया। आसूचना शाखा के लोगों को भी उन्होंने बताया कि उनकी एक (तलाकशुदा भाभी दिल्ली रहती हैं, उनसे काम दिलाने के लिए बात हुआ है। दिल्ली पहुंचकर व्हाट्सएप पर उनसे बात होगी। बिना किसी 
अभिभावक के व रात्रि में उक्त दोनों नाबालिगों के विभिन्न प्रकार के शोषण तथा मानव तस्करी का शिकार हो सकने की पूरी आशंका दिखी। दोनों युवतियों को सुरक्षित करने के लिये एसएसबी समवाय-बढनी द्वारा एएचटीयू (यूपीपी) सिद्धार्थनगर, सीडब्ल्यूसी तथा एएचटीयू एसएसबी को सूचित किया गया। उनके परिजनों को भी एमएसएस (सेवा) ने सूचना दी, परिजनों ने लड़कियों को रोकने और सुबह लेने आने को कहा। बीरपुर (पथरकोट) कपिलवस्तु-1 (नेपाल) की रहने वाली उक्त दोनों युवतियों से एएचटीयू एसएसबी के इंस्पेक्टर विपन शर्मा, यूपीपी के इंस्पेक्टर रामपाल शुक्ला ने भी पूछताछ किया। रेस्क्यू करने वाली टीम में एसएसबी के सोवन देव पिल्लई व सहयोगियों के अलावे सेवा की प्रीति मल्ल, शिवशंकर यादव, प्रतिभा गुप्ता, कल्पना क्षेत्री रही। रेस्क्यू किये गए दोनों युवतियों को मंगलवार प्रातः एएचटीयू सिद्धार्थनगर को सौंप दिया गया। अपरान्ह किशोरी के परिजन बढ़नी आये, जहां से उन्हें सिद्धार्थनगर भेज दिया गया।

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