* रोजगार सेवक लगा रहे हैं श्रमिकों की फर्जी हाजिरी भारी गयीं, जिम्मेदारों के नाक के नीचे किया जा रहा है भ्रष्टाचार।
*खुनियांव विकास खण्ड में भ्रष्टाचार रुपी गंगा में हर कोई डुबकी लगाने को आतुर।
सरताज आलम
सिद्धार्थनगर।
जनपद सिद्धार्थनगर के विकास खण्ड खुनियांव का ताजा मामला ग्राम पंचायत करही खास का है। जहां पर ग्राम पंचायत में आईडी सं0 - 3151/LD/9584...2891 द्वारा ग्राम पंचायत करही खास प्राथमिक विद्यालय के पूरब जमीरुल्लाह के खेत तक एग्रो रोड निर्माण कार्य और आईडी सं0 - 3151/ LD/ 3151...2896 द्वारा ग्राम पंचायत करही खास में जमीरुल्लाह के खेत से दक्षिण भारती के खेत तक एग्रो रोड निर्माण कार्य चल रहा है। वहीं 111 श्रमिकों का मास्टर रोल भरा जा रहा है परन्तु संवाददाता की पड़ताल में दूर-दूर तक कहीं एक भी श्रमिक नहीं पाये गये। यहां दो परियोजनाओं पर एग्रो रोड निर्माण कार्य मनरेगा योजना के अन्तर्गत सिर्फ कागजों में चल रहा है।ग्राम पंचायत करही खास में ही 111 श्रमिकों का फर्जी मास्टर रोल भरा जा रहा है। सचिव ने बताया कि हम अभी दो-तीन दिनों से बाहर हैं मेरे गैर मौजूदगी में अगर फर्जी हाजिरी भरा जा रहा है तो गलत है, परसों आकर देखते हैं। यहां मनरेगा कार्य पूर्ण होने के बाद भी कागजों में चलाया जाता है। जबकि ग्राम पंचायत करही खास में संवाददाता सुबह 09 बजे से लेकर 10 बजे तक था। उपरोक्त परियोजना/कार्य स्थल पर कहीं पर भी मौके पर कोई कार्य होते हुए नहीं पाया गया। दोनों परियोजनाओं पर एग्रो रोड निर्माण पूर्व में हो चुका है। जबकि मास्टर रोल में दो कार्य अंकित है। इस कार्य पर 111श्रमिकों का मास्टर रोल भरा जा रहा है.यह कार्य सिर्फ कागजों में ही चल रहा है। आखिर किससे इशारे पर इतना बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है जबकि केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त करने की दावा करती है ग्राम पंचायत करही खास सहित अधिकतर ग्राम पंचायतों का यही हाल है। जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा अगर जमीनी स्तर पर इसकी पड़ताल कर ली जाए तो भ्रष्टाचार के कलाई परत दर परत खुलकर सामने आने लगेगी जो लोग गांव में कभी कार्यस्थल पर नहीं जाते उनके नाम पर भी हाजिरी लगा दी जाती है। ग्राम पंचायत में नियुक्त रोजगार सेवक द्वारा फर्जी हाजिरी लगा दिया जाता है तकनीकी सहायक द्वारा फर्जी एमबी कर दिया जाता है और श्रमिकों के खाते में पैसा भिजवाकर निकलवा लिया जाता है और उनको 500 से 600 रूपये पकड़ा दिया जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि फर्जी मनरेगा योजना में हो रहे कार्य स्थल पर शुरू होने और समाप्त होने व परियोजना पर ब्यय किये गए धन के कहीं कोई साइन बोर्ड भी नहीं लगा है। जिससे यह पता नहीं हो पता कि इस परियोजना पर कितने दिन, कितने श्रमिक, कार्य किये और कितना रुपया का भुगतान हुआ, इस योजना में सरकारी धन का खूब बंदर बांट हो रहा है। मनरेगा योजना में रोजगार सेवक की जिम्मेदारी होती है कि वह एनएमएमएस द्वारा फर्जी हाजिरी लगाते हैं उसके बाद तकनीकी सहायक की जिम्मेदारी होती है कि वह फर्जी एमबी कर देते हैं और प्रधान की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिससे पैसा स्वीकृत होकर श्रमिकों के खाते में पहुंच जाता है। मनरेगा योजना में घोटाले बाजों के जड़े गहरी व मजबूत हैं। घोटाले बाजों की जड़े इतनी मजबूत है कि किसी भी ग्रामीण में इतनी हिम्मत नहीं होती की खुलकर इसका विरोध कर सके अगर किसी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई तो उस को हर तरह से इतना प्रताड़ित व पीड़ित कर दिया जाता है कि वह थक हार कर घर पर बैठ जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि इस समय हमारे ग्राम पंचायत में मनरेगा द्वारा कहीं कोई भी कार्य नहीं चल रहा है। एग्रो रोड निर्माण का कार्य दो-तीन दिन पहले ही पूर्ण हो चुका है। वहीं ग्रामीणों ने जांचकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने व फर्जी मनरेगा श्रमिकों की हाजिरी को शून्य कराने का मांग किया है। इस सम्बन्ध में खण्ड विकास अधिकारी खुनियांव ओम प्रकाश गुप्ता ने बताया कि आपके द्वारा बताये गये ग्राम पंचायतों का हम स्थलीय जांच व निरीक्षण करेंगे और गड़बड़ी मिलने पर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करेंगे।
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