Monday, 21 October 2024

प्यार और समर्पण का पर्व करवा चौथ को जानिए डा0 सलोनी उपाध्याय से

* करवा चौथ के इस पर्व पर सभी दांपत्य जोड़ों को वीपीएल हॉस्पिटल के डायरेक्टर डा0 चंद्रेश उपाध्याय ने दी शुभकामनाएं।

सरताज आलम

सिद्वार्थनगर।

               करवा चौथ पर्व पर पति और पत्नी।
हर बर्ष की भांति इस बार भी करवा चौथ का त्योहार धूम-धाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व खासतौर पर शादीशुदा महिलाओं द्वारा अपने पति की लम्बी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रहकर चांद के दीदार के बाद अपने पति के हाथों पानी पीकर व्रत तोड़ती हैं। आपको बता दें कि करवा चौथ में दिन महिलाएं अच्छे व खूबसूरत कपड़े पहनकर और 16 श्रृंगार करके तैयार होती हैं। पूजा के लिए विशेष थाल सजायें जाते हैं, जिसमें मिठाई, फल और पूजा सामग्री शामिल होती है। साथ ही, इस पर्व का महत्व केवल धार्मिक नहीं है, बल्कि यह प्रेम, सम्मान और परिवार के प्रति समर्पण का प्रतीक भी है। 

ति सर्जन डा0 चन्द्रेश, पत्नी डा0 सलोनी को सिन्दूर देते हुए।इस अवसर पर पति-पत्नी के रिश्ते में मधुरता और एकता को बढ़ावा मिलता है। आपको बता दें कि डॉ0 सलोनी उपाध्याय जो एक प्रसिद्ध चिकित्सक और समाजसेवी भी हैं ने इस बर्ष करवा चौथ का पर्व धूम-धाम से मनाया। उन्होंने अपने पति के लिए दिन भर निर्जला व्रत रहकर इस पर्व का महत्व निभाया। डा0 सलोनी ने अपनी तैयारी को लेकर कहा कि “यह पर्व न केवल पति की लम्बी उम्र के लिए है, बल्कि यह हमारे रिश्ते में प्रेम और समर्पण को भी दर्शाता है।" उन्होंने अपने थाल में खास तौर पर तैयार की गई मिठाइयों और पूजा सामग्री को साझा किया। चांद निकलने पर डा0 सलोनी ने बड़े प्रेम से अपने पति डॉ0 चंद्रेश को पानी और मिठाई दी, और इस खास पल को उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर भी साझा किया। उनके इस उत्सव ने उनकी फॉलोवर्स को प्रेरित किया कि वे भी अपने रिश्तों में प्रेम और सम्मान को बढ़ावा दें। 

डा0 सलोनी के साथ डा0 चन्द्रेश चन्द्रदेव का दीदार करते हुए।डा0 सलोनी उपाध्याय का यह करवा चौथ केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है, जो हमें अपने रिश्तों की महत्ता समझाता है। वहीं आज सुहागिनों ने अपने पति की लम्बी आयु, यश और धनधान्य के लिए निर्जला व्रत रखा और चन्द्र दर्शन के उपरान्त व्रत तोड़ा। यह व्रत प्रत्येक हिन्दू घर में सुहागिन महिलाओं ने रखा। 

   अपने पति डॉ0 चन्द्रेश को पैर छूते हुए पत्नी डा0 सलोनी।
इस दौरान उन लोगों ने एक बूंद भी जल ग्रहण नहीं किया। सुहागिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रही और सायं के समय 16 श्रृंगार करके, हाथों में मेहंदी रचाकर, नये वस्त्र करके, पूजा स्थल पर चन्द्रमा के निकलने की राह देखने लगी। चन्द्रमा के दर्शन होते ही सुहागिन महिलाओं ने पारम्परिक ढंग से पूजा अर्चना किया और व्रत तोड़ा। 

डा0 चन्द्रेश व डा0 सलोनी के साथ करवा चौथ पर्व मनाते हुए।
इस अवसर पर तमाम सुहागिनों ने छलनी से चन्द्रदेव का दर्शन किया व अपने पति का चरण स्पर्श किया और उनके हाथों से मिष्ठान्न व जल ग्रहण किया। रात में सभी लोगों ने पारम्परिक भोज ग्रहण किया। हर घर में करवा चौथ व्रत की धूम रही और सुहागिन महिलाएं सजी रहीं। रविवार को कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं ने अपने पति की दीर्घ आयु एवं परिवार की सुख शान्ति की कामना के लिए निराहार व्रत धारण करके करवा चौथ पर्व मनाया गया। इस पर्व पर पारम्परिक भोजन भी बनाया गया। वहीं बीपीएल हास्पिटल के डायरेक्टर/हड्डी एवं नस रोग विशेषज्ञ व डा0 सलोनी उपाध्याय के पति डा0 चन्द्रेश उपाध्याय ने जिला एवं प्रदेशवासियों को करवा चौथ पर्व की शुभकामनाएं दी हैं।
            सिद्वार्थनगर के थरौली में बीपीएल हास्पिटल।





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