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Wednesday, 5 July 2023

लोकसभा चुनाव के दौरान योगी सरकार की नई कैबिनेट में मिल सकती है विनय वर्मा को जगह

जनता के दिलों में बसने एवं दिनों-रात मेहनत करने से योगी जी को आया बहुत पसन्द


सरताज आलम

सिद्धार्थनगर

योगी सरकार के लोकसभा चुनाव के दौरान दूसरे कार्यकाल में सिद्धार्थनगर को इस बार विशेष प्राथमिकता मिलने के संकेत अभी से शुरू हो गये हैं। योगी सरकार के लोकसभा चुनाव के दौरान दूसरे कार्यकाल में कुछ विधायकों को मन्त्रिमण्डल में शामिल होने के लगातार संकेत मिल रहे हैं। दूसरी तरफ एनडीए की सहयोगी अपना दल के विधायक को भी मन्त्री बनाने की चचायें काफी तेज हो गयी है। पूर्वांचल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपना दल के साथ मिलकर काफी अच्छा प्रदर्शन किये थे। अपना दल से चुनाव लड़ने वाले विधायक विनय वर्मा को मंत्रीमण्डल में शामिल करने की संभावनाये काफी प्रबल नजर आ रही है। भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले ही इस बात के संकेत दे दिये थे कि इस बार मंत्रिमण्डल में सहयोगी दलों को साथ लेकर चला जायेगा। अगर योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान भाजपा हाईकमान सहयोगी दलों को मंत्रिमण्डल में जगह देती है तो विधायक विनय वर्मा के मंत्री बनने की संभावनायें काफी प्रबल हैं। विधायक विनय वर्मा परिवार के साथ सेक्टर 20 में रहते हैं और पिछले कई सालों से  विनय वर्मा पूर्वांचल में राजनीति कर रहे हैं। विधायक विनय वर्मा मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले हैं। विनय वर्मा गोरखपुर से पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं। इस बार विधायक विनय वर्मा ने सिद्धार्थनगर की शोहरतगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। अपना दल के विधायक विनय वर्मा ने सपा के प्रत्याशी को बड़े अंतर से चुनाव में हराया था। जनता के दिलों में बसने एवं दिनों-रात मेहनत करने से इन बातों को योगी जी बहुत पसन्द आया है।

Sunday, 15 November 2020

इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन की उत्तर प्रदेश की प्रैसीडेंट (महिला बिंग) बनी आकांक्षा सक्सेना

इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन की उत्तर प्रदेश की प्रैसीडेंट (महिला बिंग) बनी आकांक्षा सक्सेना। आकांक्षा सक्सेना को यह पद इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी मो. जहांगीर ने नियुक्त किया है। बता दें कि आकांक्षा सक्सेना मथुरा में जन्मीं, औरैया की साहित्यकार हैं जिनकी लिखी हुई कई किताबें एमाजोन पर ऑनलाइन पढ़ी जाती हैं, वह वाराणसी से सच की दस्तक मैग्जीन की न्यूज एडीटर व यूनाइटेड नेशन जर्नलिस्ट इंटर गवर्नमेंटल आर्गनाइजेशन यूएसए की एडीटर इन चीफ व 'समाज और हम' नाम के ब्लॉग की चर्चित ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना, स्क्रीन राईटिंग एसोसिएशन मुम्बई की सदस्य हैं, उनकी लिखे गीत दर्दफेहमियां पर एक दर्दफेहमियां नाम शॉर्ट फिल्म भी यूट्यूब पर मौजूद है जिसकी स्क्रिप्ट, डायलॉग, थीम, आकांक्षा सक्सेना ने ही दी है। इसके साथ वह इंडोनेशिया के कुटई कीराजॉन किंग डाॅ. एचसी.एमएसपीए. लानस्याहरीशज़ा की संस्था एडूकेंडा पैरा पाजा की उत्तर प्रदेश की रीजनल प्रैसीडेंट हैं व अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार परिषद में बतौर स्वयंसेवक नियुक्त हैं। तथा वर्ल्ड मार्शल आर्ट्स काउंसिल, यूएसए की पीआरओ व संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (यूएनडीईएसए) के सदस्य, डायनेमिक पीस रेस्क्यू मिसाइल इंटरनेशनल (शांति अकादमी) नाइजीरिया की सदस्य है। इन सब कीर्तिमान को देखते हुये वर्तमान में होनरेबल डोनाल्ड ट्रम्प के एडवाइजरी बोर्ड के मेम्बर लेफ्टिनेंट जनरल जीएम प्रो. डॉ. जसबीर सिंह के सहयोग द्वारा ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना को बहुत ही अनमोल और दुर्लभ मेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप के हस्ताक्षर सहित प्रैसीडेंटल एक्टिव लाईफ स्टाइल अवार्ड यूएसए व प्रैसीडेंटल यूथ फिटनेस अवार्ड, यूएसए से अवार्ड सर्टिफिकेट व मैडल जारी करके सम्मानित किया है।बता दें कि आकांक्षा सक्सेना वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर हैं। उन्हें वर्ल्ड रिकार्ड भी इंडोनेशिया के कुटई कीराजॉन किंग डाॅ. एचसी.एमएसपीए. लानस्याहरीशज़ा का भारत में पहला इंटरव्यू और इतिहास लिखने वाली प्रथम भारतीय महिला ब्लॉगर पत्रकार होने का वर्ल्ड रिकार्ड मिला है। तथा इसके अतिरिक्त प्रैसीडेंट ट्रम्प के एडवाइजरी बोर्ड के मेम्बर लेफ्टिनेंट जनरल ग्रैंड मास्टर डॉ जसबीर सिंह का भारत में पहला इंटरव्यू लेने वाली वह प्रथम भारतीय महिला पत्रकार हैं जिनका यह इंटरव्यू लगभग दो सौ जगह प्रकाशित हुआ है। इसके अतिरिक्त देश विदेश के उन्हें लेेखन, पत्रकारिता,सोसलवर्क में कई महत्वपूर्ण सम्मान हासिल हैं।


Monday, 6 July 2020

सावन के सोमवार में शिव स्तुति

गोरखपुर। भारत के लोक जीवन उत्सव पर्व की बहुत महिमा है। मान्यता के अनुसार शिव जी को सावन माह प्रिय है। इसमें भी सोमवार को शिव जी का दिन माना जाता है। वैसे सावन माह में विशेष रूप से शिव जी की स्तुति का महत्व है। सावन का पहला सोमवार तो जैसे शिवभक्ति के उल्लास का दिन होता है। अनलॉक के कारण मंदिरों में दर्शनार्थियों की संख्या कम है। फिर भी भक्तिभाव पर इसका कोई प्रभाव नहीं है। अनेक लोग मंदिरों में भी गए। लेकिन अधिसंख्य लोगों ने घर में रह कर ही शिव जी का पूजन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समाज सेवा और सन्यास में सम्यक सामंजस्य बना कर चलते है। अनलॉक टू की समीक्षा के दौरान उन्होंने सावन के पहले सोमवार के दृष्टिगत लोगों से अपील की थी। उनका कहना था कि इस अवसर पर मंदिरों में भीड़ ना हो। इसका ध्यान रखा जाए। मंदिरों में भी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए ही पूजा अर्चना की जाए। योगी आदित्यनाथ ने स्वयं इन दिशा निर्देशों का पालन किया। उन्होंने गोरक्ष पीठ में दिशा निर्देशों के अनुरूप ही शिव रुद्राभिषेक किया। पहले उनके साथ बड़ी संख्या में अन्य भक्तगण भी रहते थे। लेकिन इस बार संख्या,मास्क व उचित दूरी का भी ध्यान रखा गया। इसके अलावा योगी ने मंदिर में शिव प्रतिमा का स्पर्श नहीं किया। इसकी जगह उन्होंने एक पात्र में शिवलिंग की स्थापना करके उनका अभिषेक किया। डॉ दिलीप अग्निहोत्री


Wednesday, 1 July 2020

Cabinet approval : अब कमिश्नर व डीएम कर सकेंगे आरक्षण श्रेणी की भूमि का पुनर्ग्रहण और श्रेणी परिवर्तन

विकास योजनाओं के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए यूपी सरकार ने आरक्षित श्रेणी की भूमियों के पुनर्ग्रहण श्रेणी परिवर्तन के अधिकार मंडलायुक्त और डीएम को देने का फैसला किया है। लखनऊ । विकास से जुड़ी सरकारी परियोजनाओं के लिए तेजी से जमीन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने आरक्षित श्रेणी की भूमियों के पुनर्ग्रहण, श्रेणी परिवर्तन और विनिमय के अधिकार मंडलायुक्त और कलेक्टर (डीएम) को देने का फैसला किया है। कलेक्टर 40 लाख रुपये मूल्य तक की भूमि का पुनर्ग्रहण कर सकेंगे। वहीं मंडलायुक्त को 40 लाख रुपये से अधिक मूल्य की भूमि के पुनर्ग्रहण का अधिकार होगा। अभी तक यह अधिकार शासन में निहित थे। राजस्व विभाग के इस प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई। सरकार के इस फैसले से एक्सप्रेसवे, डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के निर्माण तथा राजकीय मेडिकल कॉलेजों और महाविद्यालयों की स्थापना के लिए भूमि शीघ्रता से उपलब्ध कराई जा सकेगी। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 77 में प्राविधान है कि आरक्षित श्रेणी की कोई भूमि या उसका कोई भाग लोक प्रयोजन के लिए खरीदी, अर्जित या पुनर्गृहीत किए गए भूखंड या भूखंडों से घिरी है या उसके बीच में है तो राज्य सरकार लोक उपयोगिता की ऐसी भूमि की श्रेणी को बदल सकेगी। यदि लोक उपयोगिता की ऐसी भूमि की श्रेणी बदली जाती है तो उस जमीन के बराबर या उससे अधिक भूमि उसी प्रयोजन के लिए उसी ग्राम पंचायत या अन्य स्थानीय प्राधिकरण में सुरक्षित कर दी जाएगी। प्राय: सरकारी परियोजनाओं के लिए अधिगृहीत की गई भूमि के बीच में आरक्षित श्रेणी की कोई जमीन आ जाती है। इससे परियोजना में रुकावट आती है। परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार को ऐसी जमीन की श्रेणी बदलनी पड़ती है और उसका पुनर्ग्रहण करना पड़ता है। बदले में उसी प्रयोजन के लिए उतनी ही जमीन अन्य स्थान पर उपलब्ध करानी पड़ती है। जमीन के पुनर्ग्रहण, श्रेणी परिवर्तन और विनिमय की शक्ति शासन के पास होने की वजह से ऐसे प्रस्ताव शासन को भेजे जाते थे। इससे परियोजनाओं में विलंब होता था। इसलिए शासन ने अब यह अधिकार मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को दे दिए हैं। क्या है आरक्षित श्रेणी की भूमि : आरक्षित श्रेणी की भूमि के तहत खलिहान, चरागाह, खाद के गड्ढे, कब्रिस्तान या श्मशान, तालाब की जमीन और नदी के तल में स्थित भूमि आदि आती हैं।


किराए के भवन या भूमि पर भी मिलेगी स्कूल की मान्यता

◆ बेसिक शिक्षा विभाग ने मान्यता के नियमों में किया बदलाव


◆ मान्यता का आवेदन शुल्क और सुरक्षित कोष की राशि घटाई


लखनऊ। प्रदेश में अब किराए की जमीन पर भी निजी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय खोलने के लिए मान्यता मिल सकेगी। मान्यता के आवेदन शुल्क और सुरक्षित कोष की राशि को भी घटाया गया है। अब प्राथमिक स्कूल की मान्यता के लिए आवेदन शुल्क 10 हजार की जगह 5 हजार और उच्च प्राथमिक स्कूल के लिए 15 हजार रुपये की जगह 10 हजार रुपये देने होंगे सुरक्षित कोष प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय के लिए एक समान 25 हजार रुपये निर्धारित किया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने मंगलवार को स्कूलों की मान्यता के नियमों में बदलाव करते हुए शासनादेश जारी किया है। अब तक निजी भवन होने पर ही प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय की मान्यता दी जाती थी। विभाग का मानना है कि बहुत सी सोसाइटी के पास अपना भवन या भूमि नहीं होने के कारण उन्हें मान्यता मिलने में परेशानी हो रही थी। विभाग ने नए नियमों के तहत सोसाइटी के पास अपना निजी भवन नहीं होने कम से कम 25 वर्ष की लीज पर लिए गए भवन या भूमि पर मान्यता देने का निर्णय किया है। बशर्ते लीज पर ली गई भूमि अविवादित हो और भवन जर्जर नहीं हो।


जन्मदिन विशेष: पेड़ के पत्ते खाकर चीन से लड़े थे वीर अब्दुल हमीद

 


अकेले ही उड़ा दिये थे पाकिस्तान के 7 टैंक गाजीपुर. दुनिया का हर युद्ध हार-जीत के साथ ही अपने पीछे उन सैनिकों की कहानियां भी छोड़ जाता है जिसे सुनने के लिए वे हमारे बीच मौजूद नहीं रहते। वीर अब्दुल हमीद जिनका जन्म एक जुलाई 1933 को धामुपुर गाजीपुर में हुआ था, भारत के ऐसे ही शूरवीरों में से एक थे जिनके बलिदान की कहानी आज हमें प्रेरणा देती है। वीर अब्दुल हमीद यूपी के अकेले ऐसे शहीद हैं, जिन्हें सर्वोच्च सैनिक सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। देश पर मरने वाले वीर सपूतों का जब भी नाम लिया जाता है तो गाजीपुर के मरणोपरांत परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद का नाम बरबस ही होंठों पर आ जाता है। 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में उन्होंने दुश्मनों का खूब लोहा लिया था और फिर 1965 में पाकिस्तान के साथ हुई जंग में अमेरिका निर्मित अजेय सात पैटेन टैंक को हथगोले से उड़ाने में शहीद हो गये।


Tuesday, 30 June 2020

बढ़ते तनाव के बीच टिकटॉक समेत चीन के 59 एप पर सरकार ने लगाई रोक

 


पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी तनातनी के बीच सरकार ने चीन के खिलाफ सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। सोमवार को आइटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रलय ने भारत में प्रचलित चीन के 59 एप पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें टिकटॉक, हेलो, वीचैट, यूसी ब्राउजर जैसे प्रमुख एप भी शामिल हैं। टिकटॉक पर एक बार पहले भी प्रतिबंध लग चुका है। इसके साथ ही चीन से आयात पर लगाम के लिए भी मंथन शुरू हो गया है। औद्योगिक संगठनों से इस पर रायशुमारी की जा रही है। चीन के एप को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जासूसी की आशंका जताई जाती रही है। सोमवार को सरकार ने इसी मापदंड पर फैसला लिया कि चीन के ये 59 एप भारत की संप्रभुता, अखंडता व सुरक्षा को लेकर पूर्वाग्रह रखते थे। ऐसे में, सरकार ने आइटी एक्ट के 69ए सेक्शन के तहत इन 59 एप पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। सरकार को इन एप के गलत इस्तेमाल को लेकर कई शिकायतें भी मिल रही थीं। संबंधित सामग्री 15 ● एप के गलत इस्तेमाल को लेकर भी मिल रही थीं शिकायतें ● आइटी एक्ट के 69ए सेक्शन के तहत उठाया गया कदम ● आज फिर वार्ता की मेज पर बैठेंगे भारत-चीन के कमांडर नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी भारी तनाव घटाने का रास्ता निकालने के लिए भारत-चीन के बीच मंगलवार को कोर कमांडर स्तर की बातचीत होगी। दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच यह बातचीत अहम मानी जा रही है। ■ इन एप पर भी लगी है रोक जिन 59 एप पर रोक लगी है उनमें शेयरइट, क्वाई, बाइडू मैप, शीन, क्लैश ऑफ किंग्स, डीयू बैट्री सेवर, हेलो, लाइकी, यू कैन मेकअप, माई कम्युनिटी, यूसी न्यूज, वीबो, वीमेट, वीगो वीडियो, स्वीट सेल्फी शामिल हैं। ■ ऐसे लागू होगी पाबंदी इंटरनेट सíवस प्रोवाइडर्स के लिए दिशानिर्देश जारी किए जा सकते हैं कि इन एप को ब्लॉक कर दिया जाए। संभावना है कि यूजर्स को ऐसे संदेश मिलें कि इन एप को नहीं चलाया जा सकता। भविष्य में इन्हें डाउनलोड भी नहीं किया जा सकेगा। ■ प्रतिबंध का यह होगा असर देश में टिकटॉक के दस करोड़ से अधिक यूजर हैं। पाबंदी के बाद यूजर्स इनके विकल्प की ओर अग्रसर होंगे। कई भारतीय एप इस दौरान विकल्प के रूप में उभरे भी हैं, जिन्हें पसंद किया जा रहा है। ■ आर्थिक मोर्चे पर भी लगेगी चोट चीन को आर्थिक मोर्चे पर गहरी चोट पहुंचाने के लिए सरकार ने चीनी वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए मंथन शुरू कर दिया है। औद्योगिक संगठनों एवं अन्य मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन व निर्यातकों की राय मांगी गई है। उनसे यह पूछा जा रहा है कि चीन से होने वाले आयात पर प्रतिबंध लगाने की स्थिति में वह कितने सहज होंगे। खासतौर से विकल्प की तैयारी पूछी जा रही है। सरकार औद्योगिक संगठनों एवं एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल से चीन से आयात होने वाले सामान की सूची की मांग पहले ही कर चुकी है। इससे यह तय करना संभव होगा कि किन-किन आइटम का निर्माण हम आसानी से कर सकते हैं और उन आइटम पर प्रतिबंध लगाने पर भारतीय मैन्यूफैक्चर्स का कोई नुकसान नहीं हो। विकल्प के रूप में यह भी देखा जा सकता है कि चीन के बजाय और कहां से जरूरी सामान, खासतौर से कच्चा माल मंगाया जा सकता है। पीएचडी चैंबर के टेलीकॉम कमेटी के चेयरमैन संदीप अग्रवाल का कहना है कि सरकार को साहसिक फैसला लेना होगा, भले ही कुछ दिनों के लिए हमें महंगा सामान खरीदना पड़े। सभी क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों को ट्रायल ऑर्डर देने की शुरुआत होनी चाहिए और उसमें कमी या देरी पर भारतीय कंपनियों पर जुर्माने की शर्त नहीं होनी चाहिए। इससे भारतीय कंपनियों को टेलीकॉम क्षेत्र में चीन का मुकाबला करने में मदद मिलेगी।


Tuesday, 2 June 2020

कार्यालय सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश प्रयागराज ने जारी की प्रयोगात्मक परीक्षा की तिथि

 


सचिव नीना श्रीवास्तव ने विज्ञप्ति के माध्यम से सर्वसाधारण की जानकारी हेतु विज्ञापित एवं प्रसारित है कि वर्ष 2020 की इंटरमीडिएट की परीक्षा में सम्मिलित हुए छात्र-छात्राओं जिनकी प्रयोगात्मक परीक्षाएं किन्हीं अपरिहार्य कारणों से संपादित नहीं हो सकी थी अथवा ऐसे छात्र-छात्राएं जो माननीय उच्च न्यायालय के आदेश से लिखित परीक्षा में सम्मिलित हुए उनकी प्रयोगात्मक परीक्षाएं नहीं हो सकी उन्हें दिनांक 9 व 10 जून 2020 को जनपद मुख्यालय पर राजकीय अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय पर आयोजित होने वाली प्रयोगात्मक परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु अंतिम अवसर प्रदान किया जाता है ऐसे सभी छात्र छात्राएं अपने जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक से संपर्क कर उनके द्वारा मुख्यालय स्तर पर निर्धारित किए गए विद्यालय पर उपस्थित होकर परीक्षा में सम्मिलित हो सभी छात्र छात्राओं के लिए यह अंतिम अवसर होगा ।


हाईकोर्ट को सीधे जमानत अर्जी सुनने का अधिकार

विशेष परिस्थिति में अधीनस्थ न्यायालय में पहले अर्जी दाखिल करना जरूरी नहीं सीधे हाईकोर्ट से मंजूर हुई जमानत याचिका, कहा- विशेष परिस्थितियों में विशेष राहत की जरूरत इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने मथुरा की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में मैनेजर सूरज कुमार की सीधे हाईकोर्ट में दाखिल जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। उक्त आशय की जानकारी अधिवक्ता राज किरण चौधरी ने दी है और कहा कि प्रयागराज हाईकोर्ट ने कहा है कि विशेष परिस्थितियों में विशेष राहत देने की आवश्यकता होती है। कोविड-19 संक्रमण की वजह से यदि अधीनस्थ न्यायालय बंद है तो हाईकोर्ट को सीधे जमानत अर्जी पर सुनवाई करने का अधिकार है। इस सिद्धांत के मद्देनजर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने मथुरा की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में मैनेजर सूरज कुमार की सीधे हाईकोर्ट में दाखिल जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। सूरज कुमार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 439 में हाईकोर्ट को जमानत अर्जी पर सीधे सुनवाई का भी अधिकार है। विशेष परिस्थिति में जमानत अर्जी न्यायालय में पहले दाखिल होना आवश्यक नहीं है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा संदीप कुमार बाफना केस में दिए निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 439 का दायरा हाईकोर्ट तक है। हाईकोर्ट को रिमांड लेने और जमानत पर सीधे सुनवाई का अधिकार है।इसलिए मंजूर की याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि मामला मथुरा का है और मथुरा इस समय रेड जोन में होने के कारण वहां न्यायिक कार्य नहीं हो रहा है। याची को अनुच्छेद 21 के तहत दैहिक स्वतंत्रता का मूल अधिकार है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायिक निर्णयों और परिस्थितियों को देखते हुए जमानत अर्जी पर सुनवाई करना मंजूर करते हुए याची की जमानत मंजूर कर ली है। इस मामले में हुआ था गिरफ्तार याची सूरज कुमार की कंपनी का ट्रक एक दवा कंपनी को कफ सीरप के लिए कुछ प्रतिबंधित रसायन ले जाते हुए पकड़ा गया था। याची का कहना था कि वह ट्रांसपोर्ट कंपनी का मैनेजर है। प्रतिबंधित रसायन की सप्लाई, सप्लायर खरीदने वाले के बीच का मामला है।


नई शिक्षा नीति में जुड़ेगा प्रधानमंत्री ई-विद्या प्रोग्राम, ऑनलाइन क्लास को बढ़ावा देने पर जोर

पीएम ई-विद्या प्रोग्राम भी नई शिक्षा नीति का हिस्सा होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों आत्मनिर्भर भारत के तहत यह शिक्षा योजना शुरू करने की घोषणा की थी। इसके माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ाने, रेडियो और टीवी के जरिये पढ़ाई को बढ़ावा देने पर जोर होगा। इसके अलावा छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए पहली बार मन दर्पण योजना भी जोड़ी जाएगी।सूत्रों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान शिक्षा क्षेत्र में आए बदलाव के चलते नई शिक्षा नीति में भी मामूली बदलाव हो रहा है। इसका मकसद है कि यदि कभी आपदा या महामारी आती है तो शिक्षा में किसी प्रकार की बाधा न आए। दिसंबर 2020 तक नेशनल फाउंडेशन लिटरेसी एंड न्यूमरेसी मिशन को लॉन्च किया जाएगा इसके तहत 2025 तक हर बच्चे को शिक्षा से जोड़ने पर फोकस होगा। पहली से 12वीं कक्षा के छात्रों की पढ़ाई के लिए अब अलग-अलग चैनल होगा। इसके अलावा रेडियो, सामुदायिक रेडियो और पॉडकास्ट के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा। विशेष छात्रों को आगे बढ़ाने पर ध्यान एफओआईएस और एनसीईआरटी दिव्यांग व मूक बधिर बच्चों के लिए सांकेतिक भाषा में लेक्चर सीरीज तैयार करेंगे यह यूटयूब व एनआईओएस वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगी ऐसे छात्रों के लिए ऑडियो बुक भी तैयार होगी। इससे पहले 2017 में एनसीईआरटी ने कुछ कक्षाओं के लिए किताब तैयार की है।


Monday, 1 June 2020

समान कार्य समान वेतन, नही दुर हुई संस्कृत विद्यालयों की वेतन विसंगति

 


उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद लखनऊ से समयबद्ध अशासकीय सहायता प्राप्त अनुदानित संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों के वेतन विसंगति का प्रकरण विगत 2 वर्षों से वित्त विभाग / शासन स्तर पर लटका हुआ है जो समान कार्य समान वेतन के मंसूबों पर पानी फेर रहा है बताते चलें कि कुछ वर्ष पूर्व वेतन विसंगति दूर करने हेतु प्रस्ताव शिक्षा निदेशक माध्यमिक अध्यक्ष उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद लखनऊ के द्वारा शासन को प्रेषित की जा चुकी है जो अभी तक लंबित है जिसका निस्तारण ना होने से संस्कृत शिक्षकों में शासन के इस लचीले रवैया से असंतोष व्याप्त है उक्त आशय की जानकारी ओम प्रकाश पाठक अध्यक्ष संस्कृत शिक्षक संघ सिद्धार्थनगर के द्वारा बताई गई और मांग की गई कि शासन जल्द से जल्द वेतन विसंगति दूर कर शासनादेश निर्गत करें जिससे शासन प्रशासन की मंशानुरूप समान कार्य समान वेतन लागू हो सके वेतन विसंगति दूर करने के लिए विभिन्न जनपदों से कई लोग प्राप्त जानकारी के अनुसार कोर्ट भी जा चुके हैं जिसमें प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला को सुनवाई अधिकारी नामित कर वेतन विसंगति दूर करने का आदेश कोर्ट ने दिया है देखना यह है कि प्रमुख सचिव द्वारा वेतन विसंगति दूर करवाते हुए शासनादेश कब तक जारी होगा क्योंकि प्रकरण 2 वर्ष पूर्व का है वहीं दूसरी तरफ पूर्व मध्यमा प्रथम वर्ष उत्तर मध्यमा प्रथम वर्ष में सिलेबस चेंज हुए हैं परंतु उन्हें पढ़ाने के लिए अभी तक अध्यापकों की नियुक्ति संस्कृत विद्यालयों में नहीं हो पाई है संस्कृत , साहित्य, आधुनिक के शिक्षकों द्वारा फिजिक्स ,केमेस्ट्री ,बायो ,मैथ, वाणिज्य,कामर्स, की पढ़ाई कराई जा रही है जिससे बच्चे गुणवत्ता परक शिक्षा पाने में विफल हैं शासन प्रशासन तथा बोर्ड को चाहिए कि सिलेबस चेंज करने से पूर्व अध्यापकों की नियुक्ति विद्यालयों में यदि कर दी गई होती तो बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता हम संस्कृत शिक्षक गण बोर्ड व शासन प्रशासन से मांग करते हैं कि वेतन विसंगति दूर करते हुए शासनादेश जारी करें तथा सिलेबस के अनुसार विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति की जाए।


Sunday, 31 May 2020

गृह मंत्रालय की नई गाइडलाइंस जारी, स्कूल कॉलेज फिलहाल रहेंगे बंद, राज्य सरकारों से सलाह के बाद लिया जाएगा फैसला

 


खलीलाबाद, संत कबीर नगर गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन 5.0 के लिए नई गाइडलाइन्स जारी कर दी हैं। इसके तहत पहले फेज में स्कूल-काॅलेज कोचिंग को फिलहाल खोलने की अनुमति नहीं मिली है। गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन 5.0 के लिए नई गाइडलाइन्स जारी कर दी हैं। इसके तहत पहले फेज में स्कूल-काॅलेज, कोचिंग सहित अन्य शैक्षणिक संस्थानों को फिलहाल खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। मंत्रालय ने इस बारे में कहा कहा है कि सभी शिक्षण संस्थान खुल सकेंगे लेकिन इनके बारे में राज्य सरकारों से सलाह लेने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। इसके अनुसार फिलहाल स्कूल-कॉलेज खुलने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। बता दें कि देश में फैली कोरोना वायरस की महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सभी स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को मार्च 2020 से बंद कर दिया गया है।इसके बाद पीएम मोदी ने 24 मार्च को पहला लॉकडाउन कर दिया था। इसकी अवधि 14 अप्रैल को खत्म होनी थी। इसके बाद लगातर बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 3 मई तक बढ़ाया गया और उसके बाद 17 मई तक तीसरे चरण का लॉकडाउन चला। इसके बाद भी कोरोना वायरस के मामले नहीं थमने की वजह से देशव्यापी बंद की समय सीमा और बढ़ाई गई और चौथे चरण का ऐलान हुआ। यह चरण कल यानी कि 31 मई को खत्म हो रहा है। इसके पहले ही आज यानी कि 30 मई को गृह मंत्रालय की तरफ से लॉकडाउन 5 की नई गाइंडलाइन्स जारी कर दी गई हैं। इसमें कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी को सिलसिलेवार खोला जा रहा है। इसे तीन फेज में बांटा गया है। इसमें पहले चरण में रेड जोन को छोड़कर सभी धार्मिक स्थल, होटल, रेस्त्रा खोले जाएंगे। इसके अलावा दूसरे फेज में स्कूल-कॉलेज और फिर तीसरे फेज में इंटरनेशनल फ्लाइटों, मेट्रो रेल सेवाओं, सिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल और इनके जैसी बाकी जगहों को आम लोगों के लिए खोने जाने की बात कही गई है। वहीं अगर कोरोना वायरस की बात करें तो हर दिन तेजी से मामले बढ़ रहे हैं।


आठ जून से हाईकोर्ट में खुली अदालत में होगी सुनवाई

खलीलाबाद संत कबीर नगर प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट में अब आठ जून से न्यायिक कार्य शुरू होगा। उक्त आशय की जानकारी विद्वान अधिवक्ता राज किरण चौधरी ने दी है और कहा की अभी तक कोविड-19 व लॉकडाउन के कारण अदालतों में सुनवाई नहीं हो रही थी। इसके लिए न्यायमूर्तियों व स्टाफ की न्यूनतम संख्या के साथ विशेष पीठ बैठेगी। तीन जून से मैनुअल दाखिले भी शुरू होंगे। कार्य दिवस में भी याचिकाएं दाखिल की जा सकेंगी। यह व्यवस्था इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ व लखनऊ खंडपीठ दोनों में लागू की जा रही है। निबंध शिष्टाचार आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि स्टैंप रिपोर्टिंग सेक्शन में दाखिला होगा। जिसके लिए अलग से स्थान निश्चित किया गया है। ईमेल से पुराने मुकदमों में अर्जेंसी अर्जियां स्वीकार की जाएंगी। यदि याचिका में डिफेक्ट रह गया है तो भी रिपोर्टिंग सेक्शन में फाइल नहीं रखी जाएगी। प्रत्येक अनुभाग से सभी फाइलों को सैनिटाइज करके कोर्ट भेजा जाएगा। वकीलों के लिए परिसर में प्रवेश के अलग से गेट निर्धारित हैं। वकीलों का प्रवेश ई-पास के जरिए होगा। 65 वर्ष से अधिक की आयु वाले वकील परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग से बहस की सुविधा मिलेगी। वकीलों के चैंबर कैंटीन बंद रहेंगे। सभी वकीलों और स्टाफ को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। न्याय कक्ष में किसी भी दशा में छह से अधिक वकील मौजूद नहीं रहेंगे। हॉटस्पॉट एरिया में रहने वाले वकीलों को न्यायालय में आने की आवश्यकता नहीं है। परिसर में थूकना दंडनीय अपराध होगा। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही प्रवेश मिलेगा। इलाहाबाद और लखनऊ में सीएमओ और मेडिकल स्टाफ मदद के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। परिसर का नियमित सैनिटाइजेशन होगा। कोर्ट आने वाले अधिवक्ताओं को अपने वाहन पार्किंग दूर-दूर करनी होगी। ई-दाखिला एवं शारीरिक रूप से उपस्थित होकर दोनों दाखिले चालू रहेंगे। पोलो ग्राउंड के पास पास सेक्शन व वादकारियों के शेड में सिविल क्रिमिनल व सभी प्रकार की अर्जी दाखिल होगी। गेट नंबर तीन और गेट नंबर एक से वकीलों को परिवार में प्रवेश मिलेगा। कोर्ट में बहस की जा सकेगी और मांगने पर वकीलों को वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा दी जाएगी। न्यायालय परिसर में स्टाफ को गेट नंबर तीन-बी से प्रवेश दिया जाएगा। कोरोना कमेटी के सुझाव पर मुख्य न्यायाधीश के आदेश से यह गाइडलाइन महानिबंधक अजय कुमार श्रीवास्तव द्वारा जारी की गई है।


राशन और इलाज के लिए निराश्रितों को मिलेंगे ₹3000, सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए निर्देश

 खलीलाबाद संत कबीर नगर लखनऊ : प्रदेश के निराश्रित लोगों को अनाज और इलाज के लिए योगी सरकार आर्थिक सहायता मुहैया करवाएगी। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है उन्हें एक हजार रुपये की मदद दी जाएगी। बीमार निराश्रित को इलाज के लिए दो हजार रुपये मिलेंगे। वहीं, किसी निराश्रित शख्स की मौत होने की स्थिति में उसके अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार रुपये दिए जाएंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को टीम-11 की बैठक में अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि यदि किसी के घर में क्वारंटीन होने की जगह नहीं है तो उसके लिए इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन की व्यवस्था की जाए। निगरानी समितियां यह सुनिश्चित करें कि बाहर से आए श्रमिकों को गांव में बने क्वारंटीन सेंटर में ही रखा जाए।


Saturday, 30 May 2020

किसान मसीहा को भारत रत्न से सम्मानित किया जाये,विभिन्न संगठनों ने की मांग

 


आगरा। देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री व किसान मजदूरों के मसीहा स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की 33 वीं पुण्यतिथि शुक्रवार को मनाई गई राष्ट्रीय लोक दल विभिन्न सामाजिक संगठनों के नेताओं और चौधरी चरण सिंह के अनुयायियों ने दीवानी स्थित आईलैंड पर चौधरी साहब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए एक स्वर में मांग की स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह ने देश के गांव गरीब किसान मजदूर के लिए अपना संपूर्ण जीवन अर्पित कर दिया और देश का किसान मजदूर आज भी उन्हें अपने मसीहा के रूप में याद करता है इसलिए किसान मजदूरों के सम्मान में स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता कप्तान सिंह चाहर ने कहा कि कौरोनाै जैसी महामारी से निपटने के लिए स्व चौधरी चरण सिंह की नीतियां ही प्रासंगिक हैं जो आज भी किसान, गाँव, गरीब व मजदूरों के बचाव के लिये जरूरी है। रालोद जिलाध्यक्ष मालती चौधरी व मण्डल अध्यक्ष नरेन्द्र बघेल ने उन्हे भारत रत्न से सम्मानित किये जाने की मांग की। दीवानी चौराहे से प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में जिला अध्यक्ष मालती चौधरी पूर्व प्रदेश प्रवक्ता कप्तान सिंह चाहरू पूर्व मंडल अध्यक्ष नरेंद्र बघेल चौधरी दिलीप सिंह कर्मचारी नेता महेंद्र सिंह फौजदार जाट महासभा के ङा कुमरेन्द्रसिंह,जितेन्द्र चाहर व चौधरी जगबीर सिंह रालोद आईटी प्रकोष्ठ के वीर फौजदार चौधरी दिलीप सिंह अजय चाहर किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष चौ बच्चू सिंह आदि प्रमुख थे। भवदीय कप्तान सिह चाहर पूर्व प्रदेश प्रवक्ता


सत्यम सेवा समिति द्वारा निशुल्क मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया

 


आगरा। कोरोना महामारी में हर कोई योद्धा है। सब अपनी जिम्‍मेदारी अच्‍छे से निभा रहे हैं, तो ऐसे लोग भी हैं जो निस्वार्थ भाव से सेवा में लगे हुए हैं। सत्यम सेवा समिति द्वारा व विशाल ट्रेडिंग कम्पनी की सहायता से पुरषोत्तम नगर दयालबाग़ आगरा कार्यालय पर डॉ0 अंकित मिश्रा द्वारा निशुल्क मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। कैंप में आज 95+ लोगों को देखने में कामयाब हुए । जिसमें मेडिकल चेक अप ,उपचार व दवाईयां निशुल्क वितरित की गयीं । साथ ही सोशल डिस्टेंस का पालन किया गया। दयालबाग़ मंडल अध्यक्ष भरत शर्मा व वार्ड 26 पार्षद अमित दिवाकर द्वारा डॉ0 अंकित मिश्रा का माला पहनाकर स्वागत किया गया । डॉ0 मिश्रा द्वारा 30 कोविड -19 के मरीजों को ठीक करने उपरांत 20 दिन बाद कोरांटाइन से निकले हैं । जिन्होंने बाहर आते ही वापस से कार्य शुरू किया ।। वहीँ विशाल शर्मा ने कैंप द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि जरूरतमंद को राशन व निशुल्क मेडिकल सेवाएं देना सबसे उत्तम कर्म है। जिसे कैंप बखूबी अंजाम दे रहा है। कार्यक्रम को समय देने व सफल बनाने के ने लिए भरत,अमित दिवाकर, जीवन, विशाल शर्मा, विवेक प्रताप, अनिल वर्मा, श्रेय गोड ,भोला शंकर, दौलत निषाद,समीर अब्बास,अमित दिवाकर ,वीरू मोर्या आदि का धन्यवाद ।


तम्बाकू से 40 तरह के कैंसर, 25 अन्य बीमारियों का खतरा : डॉ. सूर्यकान्त

 


आगरा। बीड़ी-सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने वाले लोग न केवल अपने जीवन से खिलवाड़ करते हैं बल्कि घर-परिवार की जमा पूँजी को भी इलाज पर फूंक देते हैं। इस पर काबू पाने के लिए सरकार और स्वास्थ्य महकमे के साथ ही विभिन्न संस्थाएं भी लोगों को जागरूक करने में जुटी हैं। यह समस्या केवल भारत की नहीं बल्कि पूरे विश्व की समस्या बन चुकी है। इसी को ध्यान में रखते हुए हर साल 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है, जिसके जरिये लोगों को तम्बाकू के खतरों के प्रति सचेत किया जाता है। इस बार कोरोना के संक्रमण को देखते हुए जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन संभव नहीं है, इसलिए सोशल मीडिया, फेसबुक लाइव, रेडियो/वीडियो प्रसारण व विज्ञापनों के जरिये धूम्रपान के खतरों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाना है। इस बार कार्यक्रम की थीम युवाओं पर आधारित है- "प्रोटेक्टिंग यूथ फ्रॉम इंडस्ट्री मैनिपुलेशन एंड प्रिवेंटिंग देम फ्रॉम टोबैको एंड निकोटिन यूज"। स्टेट टोबैको कंट्रोल सेल के सदस्य व किंग जार्ज चिकित्सा विश्विद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि हमारा युवा शुरू-शुरू में महज दिखावा के चक्कर में सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों की गिरफ्त में आता है जो कि उसे इस कदर जकड़ लेती है कि उससे छुटकारा पाना उसके लिए बड़ा कठिन हो जाता है। विज्ञापनों एवं फ़िल्मी दृश्यों को देखकर युवाओं को यह लगता है कि सिगरेट पीने से लड़कियां उनके प्रति आकर्षित होंगी या उनका स्टेटस प्रदर्शित होगा, उनकी यही गलत सोच उनको धूम्रपान के अंधेरे कुँए में धकेलती चली जाती है । उनका कहना है कि धूम्रपान करने या अन्य किसी भी रूप में तम्बाकू का सेवन करने वालों को करीब 40 तरह के कैंसर और 25 अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की पूरी सम्भावना रहती है। इसमें मुंह व गले का कैंसर प्रमुख हैं। इसके अलावा इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर पड़ जाती है, जिससे संक्रामक बीमारियों की चपेट में भी आने की पूरी सम्भावना रहती है। यही नहीं धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों तक तो करीब 30 फीसद ही धुँआ पहुँचता है बाकी बाहर निकलने वाला करीब 70 फीसद धुँआ उन लोगों को प्रभावित करता है जो कि धूम्रपान नहीं करते हैं । यह धुँआ (सेकंड स्मोकिंग) सेहत के लिए और खतरनाक होता है । धूम्रपान से आती है नपुंसकता : डॉ. सूर्यकान्त का यह भी कहना है कि धूम्रपान कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा लगा पाना बहुत कठिन है, यहाँ तक कि आज का हमारा युवा इसके चक्कर में नपुंसकता तक का शिकार हो रहा है। धूम्रपान शुक्राणुओं की संख्या को नुकसान पहुंचाते हैं, जिसके चलते नपुंसकता का शिकार बनने की सम्भावना बढ़ जाती है । इसी को ध्यान में रखते हुए इस साल की थीम भी युवाओं पर केन्द्रित है ताकि उनको इस बुराई से बचाया जा सके । क्या कहते हैं आंकड़े : डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण-2 (गैट्स-2) 2016-17 से यह साफ़ संकेत मिलता है कि उत्तर प्रदेश में तम्बाकू का सेवन करने वालों का आंकड़ा हर साल बढ़ ही रहा है। आज से दस साल पहले यानि 2009-10 में प्रदेश में करीब 33.9 फीसद लोग गुटखा व अन्य रूप से तम्बाकू का सेवन कर रहे थे जो कि 2016-17 में बढ़कर 35.5 फीसद पर पहुँच गया है । धूम्रपान करने वालों की तादाद में मामूली गिरावट जरुर देखने को मिली है, दस साल पहले जहाँ 14.9 फीसद आबादी धूम्रपान करती थी, वह सन 2016-17 में 13.5 फीसद पर आ गयी है । खैनी व धुँआ रहित अन्य तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने वालों की तादाद 2009-10 में 25.3 प्रतिशत थी , वह 2016-17 में बढ़कर 29.4 प्रतिशत पर पहुँच गयी है । राष्ट्रिय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी आगरा, डा.पीके शर्मा ने बताया कि बीड़ी-सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों के सेवन से आज हमारे देश में हर साल करीब 12 लाख लोग यानि करीब तीन हजार लोग हर रोज दम तोड़ देते हैं । सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन आंकड़ों को कम करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है । इसके अलावा इन्हीं विस्फोटक स्थितियों को देखते हुए सार्वजनिक स्थलों और स्कूलों के आस-पास बीड़ी-सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक के लिए केंद्र सरकार सन 2003 में सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) ले आई है, जिस पर सख्ती से अमल की जरूरत है, तभी स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है। साथ ही पान मसाला गुटखा खाकर थूकना दंडनीय अपराध है । इससे कोरोना वायरस फैलने की संभावना बढ़ जाती है। क्या कहता है अधिनियम : सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा)-2003 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बीड़ी-सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों से लोगों को बचाने के लिए लाया गया । इसके तहत पांच प्रमुख धाराएँ हैं जो कि इस पर अंकुश लगाने के लिहाज से प्रमुख हैं झ्र धारा-4 : इसके तहत सार्वजनिक स्थलों जैसे-बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, रेलवे प्रतीक्षालय, न्यायालय परिसर, शैक्षणिक संस्थान, कैंटीन, कैफे, क्लब, होटल, रेस्टोरेंट आदि पर धूम्रपान पर पूरी तरह से रोक है । इस रोक का उल्लंघन करने पर 200 रूपये जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है , जिसके लिए सब इन्स्पेक्टर स्तर का अधिकारी अधिकृत है । धारा-5 : इसके तहत सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विज्ञापन, प्रोत्साहित करने और प्रेरित करने पर रोक का प्रावधान किया गया है । इसका उल्लंघन करने पर एक हजार रूपये का जुर्माना या दो साल की सश्रम कैद या दोनों का दण्ड मिल सकता है । धारा-6 ए : इसके तहत सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों को 18 साल से कम उम्र के बच्चों द्वारा बेचे जाने पर पूरी तरह रोक का प्रावधान किया गया है । धारा-6 बी : शैक्षणिक संस्थाओं से 100 गज की दूरी में सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगायी गयी है, इस दायरे में कोई भी इस तरह के उत्पाद नहीं बेच सकता । इसका उल्लंघन करने पर 200 रूपये का जुर्माना लगाया जा सकता है । धारा-7 : इसके तहत सिगरेट-गुटखा व अन्य तम्बाकू उत्पादों के रैपर पर 85 फीसद हिस्से में इसके सेवन से होने वाली बीमारी की चित्रित चेतावनी और भय पैदा करने वाली तस्वीर लगाना अनिवार्य किया गया है ।


Thursday, 28 May 2020

महिला को था तेज बुखार ड़ॉ की जगह तांत्रिक पर ले गए स्वजन, महिला का पीट-पीट कर किया बुरा हाल


आगरा। शिकोहाबाद थाना क्षेत्र के रहने वाले दंपती की मलपुरा के सिरौली इलाके मेंं जमीन है। उनके कुछ रिश्तेदार भी यहां रहते हैं। पति दो महीने पहले अपना इलाज कराने पत्नी और बच्चों को साथ लेकर आगरा आया था। इस दौरान लॉकडाउन होने पर दंपती सिरौली में अपनी रिश्तेदारी में रुक गए। एक सप्ताह पहले महिला काे तेज बुखार आया। स्वजनों के अनुसार उसे 103 से 104 डिग्री बुखार था। पैरासीटामोल देने पर बुखार कम हो जाता, कुछ घंटे बाद तापमान फिर बढ़ जाता। महिला ने सांस लेने में दिक्कत होने की बात बतायी। गांव के कुछ लोगों ने महिला को डॉक्टर की जगह तांत्रिक के पास ले जाने को कहा। जबकि महिला में तेज बुखार और सांस लेने में दिक्कत के चलते कोरोना के लक्षण थे। ससुराल वाले उसे तांत्रिक के पास ले गए। उसने महिला पर प्रेत का साया बताते हुए भूत उतारने को कहा। महिला के विरोध करने पर उसके बाल पकड़कर बुरी तरह से घसीटा। उसे बाल पकड़कर जमीन पर पटक दिया। यही नहीं महिला के शरीर पर चाकू से भी निशान बनाए। मामले की जानकारी होने पर महिला के मायके वाले भी मथुरा से यहां आ गए। गुरुवार को तांत्रिक द्वारा महिला के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने पर मामला तूल पकड़ा। इसमें तांत्रिक महिला के बाल पकड़कर घसीटते और जमीन पर पटकते दिखाई दे रहा है। वह महिला को चाकू से पीठ पर मारता दिखाई दे रहा है। एसपी ग्रामीण रवि कुमार ने बताया आरोपित पर कार्रवाई की जा रही है।


Tuesday, 26 May 2020

किसानों की समस्याओं का एक सप्ताह में समाधान न होने पर होगा सांसद का घेराव

 


आगरा। राष्ट्रीय लोक दल ने आज किसान गांव गरीब की समस्याओं को लेकर स्थानीय सांसद श्री राजकुमार चाहर को एक मांग पत्र भेजा है 6 सूत्री मांग पत्र में किसान गांव गरीब की समस्याओं का 1 सप्ताह में निराकरण कराने की मांग की है रालोद की पूर्व प्रदेश प्रवक्ता कप्तान सिंह चाहर पूर्व मंडल अध्यक्ष नरेंद्र बघेल व किसान नेता चौधरी दिलीप सिंह लखपत सिंह चाहर ओ पी वर्मा आदि ने सांसद राजकुमार को भेजे अपने 6 सूत्री मांग पत्र में कहा है कि 2 महीने से चल आ रहे लॉक डाउन में किसान गांव गरीब की आर्थिक स्थिति बदहाल हो गई है गेहूं सरसों की फसल की सरकारी स्तर पर खरीदारी नहीं हो रही है गेहूं की खरीद के लिए बारदाना ना होने का कर्मचारियों द्वारा बहाना बनाया जा रहा है जबकि 15 अप्रैल से शासन के आदेश पर शुरू हुई सरसों की फसल का एक दाना भी नहीं खरीदा गया है सरकारी खरीद केंद्र खेरागढ़ पर सरसों खरीदने से मना कर दिया गया है और यहां तक कि क्षेत्रीय प्रबंधक श्री अंकुर कंचन पीसीएफ ने फोन तक उठाना बंद कर दिया है सरसों की फसल बेचने के लिए किसान मारा मारा घूम रहा है बिचौलिए प्राइवेट बाजार में 38 सौ के रेट में सरसों खरीद रहे है जबकि सरकारी रेट 4425 रुपए हैं इस तरह किसान को ₹600 तक का घाटा उठाना पड़ रहा है किसानों की अन्य मांगों में राष्ट्रीय लोकदल नेताओं ने सांसद श्री राजकुमार चाहर से मांग की है कि किसान के दूध, फल, फूल और सब्जियों सब्जियों के खरीदने की शीघ्र उचित व्यवस्था की जाए जिससे किसान को अपनी रोजी रोटी चलाने में आसानी हो सके और इनका उचित दाम मिल सके। राष्ट्रीय लोकदल नेताओं ने सांसद श्री राजकुमार चाहर से मांग की है गांव गांव में बड़ी संख्या में शहर से पलायन करके मजदूर स्थापित हो गए हैं किसान के पास पैसा नहीं है इसलिए मनरेगा के तहत मजदूरों को चकरोड व तालाबों की खुदाई के अतिरिक्त मेड़बंदी ,गूलों की खुदाई व अन्य कृषि कार्यों को कराए जाने की अनुमति दी जाए जिससे मजदूरों को तो रोजगार मिलेगा ही किसानों को भी कृषि कार्यों में मदद मिलेगी । रालोद नेताओं ने सांसद से कहां है कि लॉक डाउन की सबसे अधिक मार किसान गांव गरीब पर हुई है और वह बिजली का बिल जमा करने की स्थिति में नहीं है अतः हमारा अनुरोध है कि आप अपने स्तर से प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को प्रस्ताव भेजकर किसानों के ट्यूबेल बिल और बिजली के गरीब किसानों के 200 यूनिट तक के 6 माह तक के बिल माफ करने का प्रस्ताव भेजने का कष्ट करें। रालोद नेताओं ने कहा है यदि सांसद श्री राजकुमार चाहर ने किसान और गांव गरीब की समस्याओं का 1 सप्ताह में निराकरण नहीं कराया तो किसानों के साथ उनका घेराव किया जाएगा । भवदीय कप्तान सिह चाहर पूर्व प्रदेश प्रवक्ता, नरेन्द्र बघेल पूर्व मण्डल अध्यक्ष।


सीएमओ ने भीषण गर्मी में बीमारियों से बचाव के लिए जारी की एडवाइजरी

आगरा। मई और जून महीने में गर्म हवा के थपेड़े यानी लू का प्रकोप हर इंसान को परेशान करता है। घर में रहने वाले जहाँ गर्मी से बेहाल रहते हैं वहीं कामकाजी लोग झुलसा देने वाली तेज धूप के साथ लू के थपेड़ों से जूझते हैं। इस मौसम में कई तरह की बीमारियां फैलने का भी खतरा बना रहता है। इन बीमारियों से थोड़ी सावधानी बरतकर बचा जा सकता है। सीएमओ डा.आरसी पांडेय ने लू के प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है। जिले से लेकर ब्लाक स्तर तक के स्टाफ को सक्रिय रहने व विपरीत परिस्थितियों में तत्काल राहत देने के लिए प्रशिक्षित किया है। सीएमओ ने बताया कि मई व जून महीने में लू का मौसम रहता है। इस मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव व नियंत्रण के लिए जरूरी उपाय विभाग कर रहा है। --------- लू से बचने को यह करें -अधिक से अधिक पानी पीएं -पसीना सोखने वाले पतले व हल्के रंग के कपड़े पहनें -धूप में जाने से बचें। धूप में जाना हो तो चश्मे, छाते, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें। -खुले में काम करने पर सिर, चेहरा, हाथ-पैरों को गीले कपड़े से ढकें। छाते का प्रयोग करें। -यात्रा करते समय अपने साथ पर्याप्त मात्रा में पीने को स्वच्छ पानी रखें। -ओआरएस का घोल, घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी, नींबू-पानी, छाछ आदि का प्रयोग करें। ----------- घरों में यह अपनाएं टिप्स -घर को ठंडा रखें, दरवाजे व खिड़कियों पर पर्दे लगवाना उचित होता है। शाम व सुबह के समय घर के दरवाजे-खिड़कियों को खोलकर रखें, ताकि कमरे ठंडे रहे। श्रम साध्य कार्यों को ठंडे समय में करने का प्रयास करें। कार्यस्थल पर पीने के ठंडे पानी की व्यवस्था करें। कर्मचारियों को सीधी सूर्य की रोशनी से बचने के लिए सावधान करें। पंखे, नियमित स्नान करें | । गर्भवती , शिशुओं व बड़ी उम्र के लोगों की विशेष देखभाल करें। ----------- यह रखें ध्यान =बच्चों व पालतूू जानवरों को खड़ी कारों में न छोडे़। =संभव हो तो पूर्वान्ह 11 बजे से अपरान्ह 4 बजे के मध्य धूप में निकलने से बचें। =गहरे रंग के भारी व तंग कपड़े न पहनें । =जब बाहर का तापमान अधिक हो तो श्रम साध्य काम न करें। यह हैं लक्षण -हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैप होने से शरीर की मशीनरी पर प्रभाव पड़ता है। मुख्य लक्षणों में शरीर में कमजोरी आना, चक्कर आना, सिर में तेज दर्द, उबकाई का आना, पसीना आना और कभी-कभी मूर्छा यानी बेहोशी छा जाती है। मूर्छा या बीमारी का अनुभव करते हैं तो तुरन्त चिकित्सीय सलाह से उपचार लें। -------- हीट बेव के दृष्टिगत जनपद व ब्लाक स्तर पर इलाज की समुचित व्यवस्था के लिए ओआरएस व आईवी फ्ल्यूड आदि का पर्याप्त स्टॉक करा दिया गया है । मानव संसाधन को भी अलर्ट कर दिया गया है । ग्रामीण व शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुविश्चित करा दी गई है । अप्रैल, मई व जून लू के प्रकोप के महीने माने गए हैं। जनपद में इससे अभी तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है । इसकी रिपोर्ट संकलित कर हर रोज शासन को भेजी जा रही है। अधिकारियों व कर्मचारियों को जल जनित बीमारी, निज स्वच्छता व सफाई के लिए संवेदनशील कर दिया गया है । मच्छरों से बचाव के लिए फागिंग व लार्वा स्प्रे नियमित रूप से किया जा रहा है । महामारी की दशा में त्वरित कार्रवाई हेतु रैपिड रिस्पान्स टीम (आर आर टी) का गठन कर दिया गया है । डा.आर.सी पांडेय मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आगरा


उमेश प्रताप सिंह और रवि अग्रवाल ने पेश की मानवता की मिसाल

सरताज आलम शोहरतगढ़़/सिद्धार्थनगर।           हैदराबाद के दर्शनार्थियों को विदा करते हुए           समाजसेवी उमेश प्रताप सिंह व अन्य लोग। हैदरा...